- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने छापी थी जर्जर पुलों की स्थिति पर रिपोर्ट

देहरादून

रानीपोखरी में पुराने पुल के टूटने और इसके बाद राज्यभर में पुराने व जर्जर पुलों की स्थिति पर उठे सवालों के बाद शासन ने इस पर एक्शन लिया है। शासन ने पीडब्ल्यूडी से राज्यभर में जर्जर और पुराने पुलों की स्थिति पर रिपोर्ट तलब की है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने भी 28 अगस्त के एडिशन में देहरादून और राज्य में जर्जर और खतरनाक हो चुके पुलों को लेकर रिपोर्ट छापी थी।

एक हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी आरके सुधांशु ने विभाग के चीफ इंजीनियर हरिओम शर्मा को एक सप्ताह के भीतर पुलों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। यह भी कहा गया है कि जिन पुलों का सुधार विभागीय स्तर से हो सकता है, उनकी मरम्मत का कार्य तुरंत किया जाए। जिन पुलों के लिए शासन स्तर की अनुमति लेनी की जरूरत है, उनके प्रस्ताव जल्द शासन को भेजे जाएं।

रानीपोखरी पुल चर्चाओं में

तीन दिन बाद भी रानीपोखरी का पुल दून सहित पूरे राज्य में चर्चाओं में बना हुआ है। संडे सुबह पूर्व सीएम हरीश रावत ने रानीपोखरी जाकर स्थिति का जायजा लिया। अन्य विपक्षी पार्टियां और जन संगठन भी इस मामले को उठा रहे हैं। दरअसल इस बार राज्यभर में सड़कों और पुलों को काफी नुकसान पहुंचा है। जगह-जगह लैंड स्लाइडिंग हो रहा है। नदियां उफान पर हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में कई जगहों पर नये-पुराने और निर्माणाधीन पुल बह गये हैं। इससे यह बात भी साफ हुई है कि विभिन्न कारणों से कहीं न कहीं ये पुल पहले से ही कमजोर हो गए थे। प्रदेश के विभिन्न इलाकों, विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में पुलों की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है।

नहीं हुए सेफ्टी ऑडिट

राज्य में हर वर्ष पुलों का सेफ्टी ऑडिट करने का प्रावधान है। इस वर्ष जब देहरादून के रायपुर से डोईवाला जाने वाले मार्ग पर थानों के निकट पुल में दरार दिखाई दी थी, तब शासन ने सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश दिए थे। इस घटना के बाद न तो शासन को रिपोर्ट की याद आई और न ही विभाग ने इस ओर ध्यान दिया। माना जा रहा है कि अगर समय से रिपोर्ट मिली होती तो रानीपोखरी जैसा मामला नहीं होता।

जल्द होगी पुलों की रिपेयरिंग

प्रमुख सचिव आरके सुधांशु का कहना है कि सभी जिलों से पुलों के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि जल्द से जल्द इन्हें दुरुस्त करने की दिशा में कदम उठाए जा सकें।