देहरादून(ब्यूरो) आसन प्रवास पर आने वाले सुर्खाब, कॉमनकूट, गैडवाल, कॉमन टील, ग्रे हेरोन, नॉर्दन शावलर प्रजाति के प्रवासी पङ्क्षरदों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिससे झील में पङ्क्षरदों की चहचहाट बढ़ गई है। बोङ्क्षटग के साथ ही बर्डवाङ्क्षचग को पर्यटकों के आने से गढ़वाल मंडल विकास निगम की आय भी बढ़ रही हैं। हर साल वेटलैंड में अक्टूबर से मार्च माह तक विदेशी पङ्क्षरदों का प्रवास रहता है। आसन वेटलैंड का वातावरण प्रवासी पङ्क्षरदों के लिए इतना अनुकूल है कि सबसे अधिक पङ्क्षरदे यहां पर आते हैं।

कब कितने परिंदे पहुंचे
ईयर स्पेसीज संख्या
2015 48 5796
2016 84 5635
2017 60 4569
2018 61 6008
2019 69 6170
2020 50 4466
2021 55 4497
2022 49 5680
2023 42 4642


और स्पेसीज भी आएंगी
चकराता वन प्रभाग के वन दरोगा प्रदीप सक्सेना ने बताया कि प्रवासी पङ्क्षरदों की अभी संख्या बढ़ रही है। प्रजातियां भी जल्द आएंगी। वहीं जीएमवीएन आसन रिजॉर्ट के प्रबंधक गिरवीर रावत का कहना है कि आसन वेटलैंड में जीएमवीएन रिजॉर्ट के बोङ्क्षटग सेंटर में पर्यटकों का आना शुरू हो गया है, जो बोङ्क्षटग के साथ ही बर्ड वाङ्क्षचग का आनंद भी ले रहे हैं।

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