देहरादून ब्यूरो। बीते 11 अप्रैल को नेहरू कॉलोनी में दोपहर के वक्त डकैती यह घटना हुई थी। कॉलोनी के संदीप अग्रवाल को सूचना दी कि दोपहर के समय 4 बदमाश उनके घर में घुस गये। बदमाशों ने चाकू और तमंचे की नोंक पर उनकी माता सुनीता अग्रवाल, पिता विनोद अग्रवाल और बहन रश्मि अग्रवाल को डरा-धमका कर बंधक बना लिया और सोने ज्वेलरी के साथ ही कैश लूट कर ले गए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी।

नंबर प्लेट पर लगाई थी टेप
मामले की जांच के लिए पुलिस ने 8 टीमें गठित की। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया तो पता चला कि एक एक्टिवा और एक अपाचे मोटरसाइकिल में सवार चार लोग घर के अंदर घुसे थे। उन्होंने अपनी गाडिय़ां दूर खड़ी की थी। एक आरोपी निगरानी के लिए घर के बाहर रुक गया था। 10 मिनट बाद ही सभी आरोपी मोटरसाइकिल और एक्टिवा पर फरार हो गए थे। वाहनों की नंबर प्लेट पर काली टेप लगी होने के कारण उनके नंबर ट्रेस नहीं हो पा रहे थे।

यूपी, दिल्ली तक पहुंची पुलिस
पुलिस दून, हरिद्वार और मुजफ्फरनगर जाकर भी सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इस जांच में पुलिस को कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के फोटोग्राफ मिले। पुलिस ने हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, दिल्ली में भी जानकारी जुटाई। आखिरकार इस घटना में मुजफ्फरनगर के ग्राम पचेंडाकला के बदमाशों के शामिल होने की बात सामने आई। पुलिस ने थर्सडे को घटना में शामिल 5 बदमाशों में से 4 पचेंडाकला और एक को आईडीपीएल ऋषिकेश से गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार आरोपी
- विपिन पुत्र कृष्णपाल, निवासी पचेंडाकला थाना नई मंडी, मुजफ्फरनगर।
- विकास पुत्र रणजीत, निवासी पचेंडाकला थाना नई मंडी, मुजफ्फरनगर।
- सचिन पुत्र रामगोपाल, निवासी पचेंडाकला थाना नई मंडी, मुजफ्फरनगर।
- अंकित पुत्र अशोक, निवासी पचेंडाकला थाना नई मंडी, मुजफ्फरनगर।
- विकास जयसवाल पुत्र विक्रम सिंह निवासी अमर कॉलोनी ईस्ट गोकुलपुर दिल्ली।

लाखों रुपये होने की थी उम्मीद
गिरफ्तार आरोपी विपिन ने पूछताछ में बताया कि वह देहरादून में अपने चचेरे भाई गुड्डू के पास अक्सर आता जाता रहता है। गुड्डुू सेंट एनीस स्कूल में काम करता है। यह स्कूल संदीप अग्रवाल का है। उसने गुडडू से बातों-बातों में उसके मालिक के घर के बारे में काफी जानकारी जुटायी थी। उसे उम्मीद थी कि एडमिशन सीजन में संदीप के घर पर लगभग 40 से 50 लाख रुपये होंगे। उसने संदीप के घर डाका डालने की साजिश रची। इस साजिश में सचिन, अंकित और विकास को भी शामिल किया। करीब 10 दिन पहले देहरादून आकर संदीप के घर की रेकी की। उसके दो दिन बाद डकैती डालने आये, लेकिन उस दिन घर के बाहर कई मजदूर काम कर रहे थे। 10 अप्रैल को वे एक्टिवा और अपाचे मोटर साइकिल से देहरादून आये। पर उस दिन भी मौका न मिलने के कारण हम ऋषिकेश में अपने गांव के रहने वाले विकास जयसवाल के पास चले गये। विकास पहले दिल्ली रहता था और अब में ऋषिकेश में किराये पर रहकर एक होटल चलाता है। विकास भी इस साजिश में शामिल हो गया। 11 अप्रैल को सुबह वे एक्टिवा और अपाचे बाइक में संदीप के घर में पहुंचे। विकास घर के बाहर रहा और बाकी चारों लोग घर में घुस गए। घर में मौजूद 2 महिलाओं और एक बुजुर्ग को तमंचे व चाकू से डराते हुए उन्हें बंधक बनाकर अंगूठी, कड़े, कान के टॉप्स और करीब 6-7 हजार रुपये कैश लूट लिया। वे अलमारी आदि खोलने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान ऊपर की मंजिल से एक महिला चिल्लाने लगी। वे डर कर वहां से भाग निकले।

बरामद माल
- 4 अंगूठी सोने की
- 4 चूड़ी सोने की
- 2 कान की बाली सोने की
- 1 तमंचा 315 बोर
- 2 चाकू घरेलू इस्तेमाल वाले
- अपाचे मोटर साइकिल
- एक्टिवा टूव्हीलर