देहरादून (ब्यूरो) समिट के लिए दून में सड़कों की दीवारों पर पेंटिंग से लेकर लैंडस्केपिंग, फसाड के तहत दुकानों व प्रतिष्ठानों पर लगाए गए बोर्ड व चौराहों के ब्यूटीफिकेशन समेत कई कार्य कराए गए। कुछ कार्य पूरे हो गए हैं, लेकिन कुछ कार्य अधूरे छूट गए। जबकि फसाड के बोर्ड के ऊपर कई प्रतिष्ठानों ने अपने रंग-बिरंगे बोर्ड लगा दिए। इस पर किसी का ध्यान नहीं है। कई जगहों पर काम अधूरे हैं। कहीं फसाड के बोर्ड उखडऩे लगे हैं। एमडीडीए ने समिट के आगे जोड़ते हुए शहर की इंटरनल रोड पर भी समिट जैसे कार्य करने की बात कही थी, लेकिन यह काम भी कहीं दिख नहीं रहा है।

14000 सिमिलर बोर्ड लगे
फसाड के तहत शहर में करीब 14 हजार सिमिलर बोर्ड लगाए गए हैं। इन बोर्डों के लगने से बाजारों का लुक एक जैसा नजर आने से शहर की सुंदरता में निखार आया है। शिकायत के बाद एमडीडीए ने संबंधित कॉन्ट्रेक्टर्स को नोटिस जारी किए हैं, साथ ही मॉनिटरिंग को बनेगी सेल का भी गठन किया है। मॉनिटरिंग सेल में नगर निगम के साथ ही पुलिस और प्रशासन को भी शामिल किया जा रहा है। कार्यों की कैमरों से भी निगरानी रखी जा रही है।

नेम बोर्ड का हो रहा मिसयूज
फसाड कार्य पर 20 करोड़ रुपए खर्च किए गए। सिमिलर बोर्ड के ऊपर कई प्रतिष्ठानों ने फिर अपने निजी रंग-बिरंगे बोर्ड लगाकर ढक दिया है। इससे शहर की सुंदरता पर दाग लग रहा है। राजपुर रोड समेत ईसी रोड, रिस्पना पुल, सुभाष रोड समेत कई इलाकों में व्यापारी निजी बोर्ड लगाकर सिमिलर बोर्ड को ढक रहे हैं। एक टीवी चैनल के दफ्तर में नियमों के विरूद्ध जाकर 11 बोर्ड लगा दिए, जो चर्चा का विषय बना है।

सूख गए वर्टिकल गार्डन
शहर को खूबसूरत दिखाने के लिए जगह-जगह पर वर्टिकल गार्डन लगाए गए। लाखों रुपए से वर्टिकल गार्डन में लगाए गए पेड़-पौधे बिना देखरेख के सूख गए। ये पौधे काफी महंगे हैं। कुछ दिन पहले ही एमडीडीए ने रिस्पना और दिलाराम चौक पर वर्टिकल गार्डन के सूखे पेड़ हटाकर नए पौधे लगाए। क्या ये धन की बर्बादी नहीं है।

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