देहरादून (ब्यूरो) दून समेत पूरे प्रदेश में वाटर क्राइसिस की कंप्लेन आ रही है। जल संस्थान के टोल फ्री नंबर पर 6824 कंप्लेन दर्ज की गई है। विभाग का दावा है कि अब तक आई पेयजल क्राइसिस की 5233 शिकायतें सॉल्व कर दी गई हैं, जबकि 1591 शिकायतें पेंडिंग चल रही है। इनमें से अधिकांश शिकायतें पानी की लो प्रेशर की है। सिटी में पेयजल से संबंधित करीब 150 कंप्लेन रोज दर्ज की जा रही है। जल संस्थान के कॉल सेंटर पर पर नजर डालें तों नॉर्थ डिविजन में 18, साउथ डिविजन में 35, पित्थूवाला डिविजन में 6, रायपुर डिविजन में 7, मेंटेनेंस डिविजन में 44, वल्र्ड बैंक यूनिट विकासनगर में 4 कंप्लेन दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि भीषण गर्मी के चलते कई जगहों पर स्रोतों का डिस्चार्ज कम होने से पानी की सप्लाई पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

सैटरडे को मिली 123 कंप्लेन
गर्मी में गहराते पेयजल संकट के कारण अधिकांश उपभोक्ताओं को पानी की पर्याप्त आपूर्ति नहीं मिल रही है और उपभोक्ताओं को लगातार जल संस्थान में शिकायत कर समस्या के समाधान की मांग कर रहे हंै। संडे को विभाग को सिटी में पेयजल से संबंधित 123 शिकायतें मिली हैं। जल संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश शिकायतों का निस्तारण कर लिया गया है।

नहीं मिली लीकेज, नई लाइन डाली
सेवलाकलां के कंज्यूमर्स लंबे समय से गंदे पानी की शिकायत कर रहे हैं। प्रभावित लोगों को कहना है कि लगातार शिकायत के बावजूद कोई स्थायी समाधान नहीं हो रहा है। कई बार पानी में बदबू आती है। इस पर जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि कई बार लीकेज ढूंढा गया, लेकिन मिला नहीं है। इस एरिया में करीब नाली अधूरी खुदी पड़ी है, जिससे दिक्कत हो रही है। अब क्षेत्र में नई पाइपलाइन बिछा दी गई है।

पुरानी लाइनें सबसे ज्यादा लीकेज
लीकेज के चलते विष्णु में कई बार पानी का लो प्रेशर रहता है। लीकेज को समय पर ठीक किया जाना चाहिए। पुरानी लाइन सबसे ज्यादा लीकेज कर रही है। इन लाइनों को बदला जाना चाहिए।
लव चौधरी, सोशल एक्टिविस्ट

लीकेज को समय पर ठीक किया जाना चाहिए। लंबे समय तक लीकेज ठीक न होने से लाखों लीटर पानी सड़क पर बर्बाद हो रहा है। इस तरह यूजलेस हो रहे पानी को बचाया जाना चाहिए।
रोहित कुमार

जल संस्थान एक ओर खुद पानी की एक-एक बूंद पानी बचाने की अपील कर रहा है, वहीं दूसरी ओर सड़क पर लीकेज से लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। जहां जर्जर लाइनें वहां नई लाइनें बिछाई जाए।
मोहम्मद आसिफ

इस बार पानी की क्राइसिल ज्यादा महसूस की जा रही है। कभी-कभी लो प्रेशयर के चलते पीने का पानी तक पूरा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में पानी की लीकेज पता लगते ही उसे ठीक किया जाए।
बंकिम चंद्र भट्ट

भीषण गर्मी के चलते कई ट्यूबवेलों का डिस्चार्ज कम होने से सप्लाई गड़बड़ा रही है। लीकेज की सूचना मिलते ही उसे तत्काल ठीक किया जा रहा है। जहां ज्यादा समस्या है वहां टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है।
राजीव सैनी, एसई, जल संस्थान

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