अहमदाबाद (पीटीआई)। पूर्व भारतीय ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि विराट कोहली एक बेहतर कप्तान इसलिए बन रहे। क्योंकि उनके पास महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा जैसे दो सफल कप्तान हैं। धोनी को भारत के सबसे महान कप्तानों में से एक माना जाता है, जिन्होंने दो विश्व कप जीते हैं। जबकि रोहित एक सफल फ्रेंचाइजी कप्तान रहे हैं, जो मुंबई इंडियंस को चार आईपीएल खिताब दिला चुके हैं। गंभीर ने गुरुवार को एक विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत के बाद संवाददाताओं से कहा, 'कोहली को अभी भी एक एक लंबा रास्ता तय करना है। कोहली पिछले विश्व कप (इंग्लैंड में) में बहुत अच्छे थे, लेकिन उन्हें अभी काफी अागे जाना है। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इतनी अच्छी कप्तानी करते हैं क्योंकि उन्हें रोहित शर्मा मिल गए हैं। जबकि एमएस धोनी उनके पास काफी लंबे समय से हैं।'

कोहली की आईपीएल कप्तानी पर कही ये बात

इंडियन प्रीमियर लीग में कोहली के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए, गंभीर ने कहा कि जब आपके कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी परफाॅर्म नहीं कर पाते हैं तो एक कप्तान की क्षमता पर सवाल जरूर उठता है। कोलकाता नाइट राइडर्स को दो आईपीएल खिताब दिलाने वाले गंभीर कहते हैं, 'जब आप किसी फ्रैंचाइजी का नेतृत्व कर रहे होते हैं तो कप्तानी की विश्वसनीयता पर ध्यान दिया जाता है, जब आपके पास अन्य खिलाड़ी नहीं होते। मैं यह सबकुछ ईमानदारी से कह रहा क्योंकि आप देख सकते हैं रोहित ने मुंबई इंडियंस के लिए क्या किया और धोनी सीएसके के लिए सालों से वही करते आ रहे।'

रोहित और धोनी के चलते कोहली बने 'विराट कप्तान' : गौतम गंभीर

रोहित के टेस्ट टीम में आने का समर्थन

क्रिकेटर से राजनेता बने गंभीर ने टेस्ट प्रारूप में रोहित शर्मा को शामिल करने का भी समर्थन किया। केएल राहुल की जगह भारतीय टेस्ट टीम में आए रोहित को लेकर गंभीर कहते हैं, 'मुझे लगता है कि केएल राहुल को काफी समय दिया गया है। अब रोहित को टेस्ट क्रिकेट में आजमाने का समय आ गया है। अगर आप उन्हें टीम में लेते हैं, तो उन्हें प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनना होगा। अगर वह आपके लायक नहीं हैं तो प्लेइंग इलेवन, 15 या 16 की टीम में उन्हें चुनने का कोई मतलब नहीं है।'

2007 वर्ल्डकप में नहीं चुने जाने से हुए निराश

क्रिकेट मैदान पर अपने तीखे तेवरों के लिए जाने जाने वाले गंभीर ने अपने करियर को लेकर भी एक बड़ा खुलासा किया। गौती का कहना है कि उन्होंने वनडे विश्व कप टीम के लिए अनदेखी के बाद 2007 में क्रिकेट छोड़ने के बारे में सोचा था। गंभीर ने कहा, 2007 में, जब मैं 50 ओवर के विश्व कप से चूक गया तो मेरे क्रिकेट करियर का यह सबसे खराब लम्हा था। इससे पहले, मैं U-15 और U-19 विश्व कप में भी नहीं खेल पाया था। गंभीर ने कहा, "2007 में मुझे लगा कि मैं विश्व कप खेलने के सबसे करीब हूं, लेकिन जब उन्होंने मुझे टीम में शामिल नहीं किया, तो मैंने क्रिकेट में लगभग हार मान ली थी।" हालांकि उसी साल भारत को दक्षिण अफ्रीका में पहले टी 20 विश्व कप के चैंपियन का ताज पहनाया गया, जिसमें गंभीर टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने।

करना चाहते थे शेन वार्न का सामना

गंभीर की ख्वाहिश है कि वह इंटरनेशनल क्रिकेट में शेन वार्न के खिलाफ बल्लेबाजी करते, हालांकि ऐसा हो न सका। मगर वह आईपीएल में लेग स्पिनर के खिलाफ खेले और उन्हें यह मुश्किल नहीं लगा। गंभीर ने कहा, "मैं चाहता था कि मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शेन वार्न का सामना कर सकूं। मैंने केवल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में उनके खिलाफ खेला और मुझे यह मुश्किल नहीं लगा।" गंभीर ने दिल्ली में क्रिकेट की स्थिति के बारे में बात करते हुए कहा कि नए क्रिकेटरों को संघों और चयन समिति से ज्यादा मदद नहीं मिलती है।

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