-चेहरों पर दिखा तनाव, बदलती रही भाव भंगिमाएं

-हार-जीत के मंथन का चलता रहा दौर

-धूमनगंज रोड पर सुबह तक ही दिखा समर्थकों का हुजूम

-मोदी लहर से नहीं जोड़ पकड़ सका अंत तक का रोमांच

ALLAHABAD: सुबह के आठ बजे थे। मुंडेरा मंडी में काउंटिंग का दौर शुरू हो चुका था। मतगणना स्थल मुंडेरा मंडी से कुछ दूर पहले धूमनगंज थाने और उसके आसपास प्रत्याशियों के समर्थकों का जमावड़ा लगा था। समर्थकों की भारी भीड़ के बीच पुलिस बल भी पूरी मुस्तैदी के साथ मौजूद थी। इस बीच सभी को पूरी बेसब्री के साथ मतगणना स्थल से आने वाले प्रथम रुझानों का तहेदिल से इंतजार था। सभी इस बात की उधेड़बुन में लगे रहे कि कौन जीतेगा और कौन हारेगा। यह क्रम तकरीबन पूरे दिन बना रहा।

कहां से पता चला, किसने बताया

इस बीच पल-पल की खबर जानने को आतुर भीड़ में तकरीबन सभी के मोबाइल फोन कान पर चिपके नजर आते रहे। सबकी जुबां पर एक ही सवाल तैर रहा था। कौन जीत रहा है? दूसरी तरफ से जवाब आता तो तुरंत दूसरा सवाल दाग दिया जाता कितने वोट से आगे या पीछे हैं? उधर, भीड़ में शामिल एक समर्थक तेज आवाज में चिल्लाते हुए अपने कैंडिडेट की बढ़त का दावा करता है। इस शख्स की आवाज फिजा में गूंजते ही सभी की नजरें आवाज आने वाली दिशा की ओर टिक जाती हैं। देखते ही देखते बढ़त पाने वाले प्रत्याशी के सभी समर्थक भी इस शख्स को घेरकर सवालों की बौछार कर देते हैं। इस समर्थक से हर वह सवाल पूछे जाते जिससे इस बात का इत्मीनान हो सके कि जो वह बता रहा है वह सही है। लोग पूछते कि कहां से पता चला तो कोई पूछता कि किसने बताया?

अभी तो पहला ही रुझान है

इधर, अपने प्रत्याशी के समर्थन में बढ़त का दावा ठोंक रहा समर्थक और उसके सारे साथी पहले रुझान से काफी खुश नजर आते हैं तो वहीं दूसरी ओर बाकी प्रत्याशियों के समर्थक कुछ मायूस हो जाते हैं। इतने में कुछ लोग एक-दूसरे को यह कहकर सांत्वना देने की कोशिश करते हैं कि यह अभी पहला ही रुझान है। कुछ का यह भी दावा होता है कि फलां प्रत्याशी की बढ़त अभी मामूली ही है।

चला इंतजार और रुझान जानने का दौर

कुछ समय बीतते ही सभी अपने अपने स्तर से पहले रुझान की पुष्टि कर चुके होते हैं और अब लोगों को अगले कुछ दौरों का इंतजार होता है। सभी में फिर से यही उम्मीद जागती है कि उनका प्रत्याशी बढ़त बनाएगा। इस बार की उत्सुकता कुछ ज्यादा ही देखने को मिलती है। रुझान आए इससे पहले ही कोई पांच दस राउंड में सबकुछ क्लीयर हो जाने का दावा करता है तो कोई अपने ज्यादा अनुभव का इस्तेमाल करते हुए बताता है कि लास्ट तक कुछ भी हो सकता है।

बनते बिगड़ते रहे समीकरण

बनते बिगड़ते समीकरण और चेहरों की बदलती भाव भंगिमाओं के बीच दिन के चढ़ते सूरज और पारे के बावजूद भी भीड़ वैसे ही डटी है। इस बीच दो चार राउंड के और रुझान आए। भीड़ के बीच पूरे देश में मोदी लहर और फ्00 सीटों को क्रास कर जाने की सूचना भी पहुंच चुकी होती है। इससे भाजपा समर्थकों को छोड़ बाकी समर्थकों के बीच गहरी मायूसी छा जाती है। बावजूद इसके उन्हें पूरा विश्वास होता है कि उनका प्रत्याशी ही जीतेगा और वे डटे होते हैं

अपनै लोग गच्चा दै गएं तो का करी

उधर, दो चार राउंड के और परिणाम आते हैं। फूलपुर सीट से लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्या की जीत का अंतर बढ़ता ही जाता है। इससे पहले से ही मोदी लहर से मायूस खड़े बाकी दलों के समर्थकों को स्पष्ट हार का अंदेशा होने लगता है जो रही कसर रहती है वह मोदी लहर में इलाहाबाद सीट से श्यामा चरण गुप्ता लगातार बढ़त बनाकर पूरा कर रहे होते हैं। ऐसे में भीड़ में शामिल प्रमुख विपक्षी दल के कुछ दिग्गज नेता पार्टी और अपने प्रत्याशी के प्रचार में दिन रात एक कर देने वालों से भन्ननाए हुए लहजे में सवाल पूछते हैं। कैसे प्रचार किया था। इसपर जवाब देने वाला भी धीरे स्वर में जवाब देता है अपनै लोग गज्चा दै गए तो का करी।

पहले ही पसर गया सन्नाटा

शायद ही ऐसा पहले कभी हुआ होगा कि काउंटिंग शाम तक चले और सभी प्रत्याशी दलों के समर्थक दोपहर में ही अपने घरों की ओर रवाना हो जाएं। भाजपा को छोड़ बाकी दलों के समर्थकों का कुछ ऐसा ही हाल रहा। सूबे में भाजपा के सभी विपक्षी दलों की करारी हार ने समर्थकों में कुछ ऐसी निराशा भरी कि दोपहर दो बजे तक धूमनगंज थाने वाली सड़क पर सन्नाटा पसर गया। कुछ जो थोड़े बहुत नजर आए वह भी जीत रहे प्रत्याशी के ही लोग रहे।