फरार वार्डन शिल्पी ने भी किया समर्पण
नाबालिग छात्रा से यौन शोषण मामले में फरार चल रही कथावाचक आसाराम की अहम सहयोगी शिल्पी ने भी कोर्ट में समर्पण कर दिया. वह छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) आश्रम की वार्डन है. आरोप है कि उसने आश्रम में पढऩे वाली छात्रा को जोधपुर आश्रम भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जिला और सत्र अदालत ने शिल्पी को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. पुलिस को अब इस मामले में महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगने की उम्मीद है.
खारिज हो गई थी अग्रिम जमानत
इससे पहले शिल्पी ने राजस्थान हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी. लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. गौरतलब है कि आसाराम को एक सितंबर को जबकि उसके कुछ दिनों बाद उनके सहयोगी शिवा को गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा मामले के दो अन्य आरोपियों शरदचंद्र और प्रकाश ने भी 20 सितंबर को कोर्ट में समर्पण कर दिया था. वहीं, आसाराम के बेटे नारायण साईं बुधवार को अपने पिता से मिलने जोधपुर जेल पहुंचे.
प्रवक्ता नीलम की गिरफ्तारी पर रोक
दिल्ली हाई कोर्ट ने आसाराम बापू की प्रवक्ता नीलम दुबे की गिरफ्तारी पर 8 अक्टूबर तक रोक लगा दी है. अधिवक्ता योगेंद्र टुली ने बताया कि नीलम को हाई कोर्ट ने तत्काल अंतरिम जमानत दे दी है. लेकिन उन्हें संसद मार्ग थाना पुलिस के पास जांच में हिस्सा लेने के निर्देश दिए गए हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की शिकायत पर पुलिस ने नीलम के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया था.
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