ईटिंग हैबिट्स काफी हद तक वर्क शेड्यूल पर डिपेंड करती हैं. पूरी गुंजाइश है कि आप ध्यान ना देते हों कि काम करते वक्त, फ्री टाइम में, स्नैक टाइम में, या ऑफिस से लौटने के बाद मंचिंग करते हुए आप कितना खा जाते हैं. ‘क्या करें, कुछ करने को नहीं है, चलो कुछ खा ही लेते हैं’, अगर आप अक्सर ऐसा सोचने लगे हैं तो संभल जाइए, आप ओवरईटिंग को आदत बना रहे हैं.
Control the portions
प्लेट में हमेशा खाने की थोड़ी क्वांटिटी डालें. भूख लगे तो बाद में और ले लें. ज्यादा से ज्यादा फाइबर बेस्ड फूड लेने की कोशिश करें जिससे आपका पेट भी भरा रहेगा और आप एक्स्ट्रा कैलोरीज़ भी अवॉयड कर सकेंगें.
Be attentive while eating
टीवी देखते या बातें करते हुए खाना खाने की आदत से बचें. जब आप खाने पर ध्यान ना देकर खाते हैं तो आपको पता नहीं चलता कि आप कितनी क्वांटिटी ले रहे हैं और कभी-कभी ज़रूरत से ज़्यादा भी खाने लगते हैं. थॉटलेस ईटिंग आपके लिए डिस्ट्रक्टिव हो सकती है. खाना खाते वक्त धीरे-धीरे खाएं और उस पर ध्यान दें कि आप क्या और कितना खा रहे हैं. पेट भरने के बाद भी खा लेने की आदत से बचें.
Drink water in sufficient quantity
आपका डाइजेशन ठीक रखने, ओवरईटिंग से बचाने और कैलोरी बर्न के प्रोसेस को ठीक रखने के लिए बॉडी को सफीशिएंट अमाउंट में पानी की ज़रूरत होती है.
Avoid emotional eating
जब भी आप अपसेट हों, खाने के बारे में ना सोचें. अक्सर लोग डिप्रेशन में ज़्यादा खाने लगते हैं या फिर कुछ काम नहीं होता तो सोचते हैं कि चलो कुछ खा लिया जाए. अगर कुछ खाना ही है तो फ्रूट्स, नट्स जैसी हेल्दी चीजें लें.
Don’t ignore your cravings
चॉकलेट का बॉक्स आपके फ्रिज में रखा है इसका मतलब ये नहीं है कि आप उसे खाते भी जा रहे हैं और फिर गिल्टी भी फील कर रहे हैं कि आप मोटे हो जाएंगे. फॉरगेट इट! अगर आपको किसी चीज की क्रेविंग हो रही है तो सबसे पहले तो उसे पोस्टपोन करने की कोशिश करें अगर उसके बाद भी आपका मन नहीं मानता तो आप कभी-कभी पूरे कांसंट्रेशन के साथ एज्वॉय कर के खा सकते हैं. बस पोर्शन्स कंट्रोल करें.