- घट रहे टेंपरेचर की वजह से राजधानी के कई एरियाज में फट रही है पाइप

- मैक्सिमम एरियाज के सप्लाय वाटर पाइपलाइन में आ चुकी है खराबी

PATNA: इन दिनों शहर का पारा लगातार घटता जा रहा है। ठंड और कनकनी की वजह से पटनाइट्स की हालत खराब है। हालत तब और भी पस्त हो जाती है, जब इनके घरों तक पानी नहीं पहुंच पाता। वाटर बोर्ड मानता है कि ठंड का असर आमलोगों से लेकर सप्लाय वाटर के पाइप लाइन पर भी दिखने लगा है। सात दिनों में घट रहे ठंड के पारे का असर अब पाइपलाइन को डैमेज करने लगा है। इसको लेकर वाटर बोर्ड के इंजीनियर से लेकर कर्मी खासे परेशान हैं। एक तरफ पटनाइट्स पानी का यूज नहीं कर पा रहे, तो दूसरी ओर पाइप लाइन फटने की वजह से पानी काफी तादात में बर्बाद हो रहा है। इसका खामियाजा एक दर्जन से अधिक मोहल्ले के लोगों को उठाना पड़ रहा है। पाइपलाइन फटे होने की वजह से पानी सही से घरों तक नहीं पहुंच पाता है। वाटर बोर्ड के इंजीनियर विनोद कुमार तिवारी का कहना है कि ठंड में पानी लाइन में ही पानी रह जाता है। लोग कम यूज करते हैं, जिससे परेशानी बढ़ जाती है। फिलहाल इसे कंट्रोल करने के लिए वाटर बोर्ड के कर्मी को लगाया गया है, पर प्रोपर इक्यूपमेंट नहीं होने की वजह से परेशानी काफी बढ़ती ही जा रही है। वहीं, दूसरी ओर से एक साथ दर्जनों मुहल्ले के लोग पानी के लिए लगातार कंप्लेन करते रहते हैं।

फटी पाइप से आ रही है परेशानी

एनएच से सटे एरिया के घरों तक पानी सही से नहीं पहुंच पा रहा है, वहीं सप्लाय वाटर की पाइप फट जाने की वजह से उसमें गंदा पानी मिलते जा रहा है। नतीजा यह हो जा रहा है कि घरों तक पानी नहीं पहुंच पाता है और ऊपर से उसका पानी ही गंदा निकल जा रहा है। ठंड में इस तरह के पानी के यूज से परेशानी काफी बढ़ती जा रही है। यह हाल कंकड़बाग के सत्तर फीट से लेकर राजेंद्र नगर स्टेशन के इर्द-गिर्द के मोहल्ले में इस तरह की परेशानी पिछले सात दिनों से बनी हुई है।

पानी का बढ़ाया गया है प्रेशर

बोरिंग रोड, बोरिंग केनाल रोड एरिया में भी कई जगहों पर सप्लाय वाटर की पाइप फट जाने की वजह से परेशानी काफी बढ़ी है। हर दिन घंटों इस तरह की परेशानी बनी रहती है, वहीं वाटर बोर्ड कर्मी का मानना है कि पाइपलाइन लिकेज की परेशानी अधिक होने की वजह से और मेन रोड पर होने से काम करने में समय लगता है। ऐसे में एक लिकेज बनाने में दो से तीन दिन का वक्त लग जाता है और वह भी प्रोपर तरीके से नहीं बन पाता है, क्योंकि पटुआ की एक बार फिर से वाटर बोर्ड में कमी है। रांगा खत्म हो चुका है। ऐसे में पाइप के मुंह को बंद करने के लिए कपड़ा या पॉलीथिन का ही यूज किया जाता है।

ठंड में लिकेज प्रॉब्लम हो सकती है कम

- ठंड में पानी का यूज गर्मी की तरह ही करें। बचे पानी का बागबानी में यूज करें।

- सुबह-सवेरे अगर पानी आता है, तो उसी समय से उसका यूज करें।

- सुबह पांच बजे से छह बजे तक अधिकांश जगहों पर नल खोला भी नहीं जाता है, इसलिए उस एरिया का पाइप फट रहा है।

- अगर आपके एरिया में लिकेज आए, तो फौरन कंप्लेन करें, और उसे दुरुस्त करवाएं।

- अगर पानी का यूज कम कर रहे हैं, तो अपने सप्लाय पंप वालों को खबर करके बंद करवा सकते हैं। इससे पाइप फटने की वजह को कम किया जा सकता है।

- आप आधे घंटे के लिए पानी का नल खुला छोड़कर भी पाइप को फटने से बचा सकते हैं।

(लिकेज पाइप टेक्नीशियन सुनील से बातचीत पर आधारित)

घनी आबादी वाले एरिया में अधिक फट रहा

बोरिंग रोड, बोरिंग केनाल रोड, पुनाईचक, शिवपुरी, कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, महेंद्रु, अशोक राजपथ, पटना सिटी एरिया में इस तरह की परेशानी लगातार बढ़ रही है।