आमिर खान की अगली फिल्म विक्रम वेदा में दिख सकती है मेरठ की झलक

- शहर के लोगों से रुबरु हुए प्रसिद्ध गीतकार मनोज मुंतशिर

Meerut . ओ माई मेरी क्या फिक्र तुझे, क्यों आंख से दरिया बहता है.तू कहती थी तेरा चांद हूं मै और चांद हमेशा रहता है.. शायरी को फिल्मी गीतों में एक नई पहचान दिलाने वाले प्रसिद्ध गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्रवार को प्रतिभा खेतान फाउंडेशन की ओर से आयोजित कलम नाम से आयोजित कार्यक्रम में लोगों से रुबरु हुए और इस दौरान उन्होंने अपने शायराना अंदाज में लोगों के सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि आज के युवा की भी वही परेशानी है जो हमारे समय में थी कि हम पढ़ते बहुत कम हैं लिखना बहुत चाहते हैं. पढ़ना भरना है और लिखना छलकना है. इसलिए पढना जरुर चाहिए.

चित्रमाला से मिली प्रेरणा

लाइफ में जिसने भी जो भी अचीव किया किसी से प्रभावित होकर ही किया है. हम जो कुछ लिख रहे हैं कर रहे हैं वह हमसे पहले भी हो चुका है और बहुत अच्छा हुआ है. स्कूल से घर आने के बाद में अपने पड़ोसी के घर चित्रमाला सुनकर मैने गीतकार बनना तय किया. बक्शी साहब से लेकर कई गीतकारों से प्रभावित होकर मैने गीत लिखना सीखा.

चाय की दुकान से मिला नाम

एक बार चाय की दुकान पर चाय पी रहा था तभी रेडियो पर एक शायरी चल रही थी कि मुंतशिर हम हैं तो रुखसार पर शबनम क्यों हैं.. इस शायरी से मनोज मुंतशिर यानि बिखरा हुआ नाम का इजाद हुआ.

शायरी को पहचान दिलाई

जब मैने लिखना शुरु किया था 2014 में तब रैप पॉप सांग का दौर था. मुझे ऐसा लगता था कि नई जनरेशन को यही लगता था कि यही रैप पॉप सांग्स ही शायरी है. उनको असली शायरी की पहचान कराने के लिए ये मुश्किल काम किया लेकिन आज दिन है पानी पानी.. से बढ़कर गलियां यहीं डूबे दिन मेरे.. यहीं होते हैं सवेरे इस गीत ने माहौल बदल दिया.

उप्र के कलम से लिखी गई बाहुबली

उस वक्त में एमएस धोनी के गाने लिख रहा था. इसी दौरान एस राजमौली की तरफ से एक फोन आया उन्होंने मुझे बाहुबली के डायलॉग्स लिखने के लिए कहा मैने मना किया कि मैं गीतकार हूं. लेकिन उन्होंने सोच लिया था और मैने भी यह मौका नही गंवाया. उस समय में 17 फिल्में कर रहा था लेकिन उनकी जिद थी. उस फिल्म में क्या है मृत्यु डायलॉग का पहला सीना लिखा गया था इसमें लिप्स मैच का पहला एक्सपेरिमेंट किया गया था. बहुत समय लगा लेकिन यह एक डायलॉग सात दिन में तैयार हुआ था. बस यही खुशी की बात है कि यूपी की कलम से यह फिल्म लिखी गई.

पहले नहीं सोचते

नही, अब मैं यह नही सोचता, पहले शुरुआत में यह सोचता था लेकिन अब कई बार ऐसा हुआ कि जो गाने उम्मीद नही तो वह बहुत बडे़ हिट हुए इसलिए जो मेरे इख्तियार में नही वह मैं नही सोचता.

ब्लैक पैंथर से हुई शुरुआत

डिज्नी की फिल्म ब्लैंक पैंथर से मैंने शुरुआत की थी उसमें भी सिंहासन की लड़ाई थी भाई भाई की लड़ाई थी इसलिए इस फिल्म से शुरुआत की जो कि बहुत बड़ी हिट हुई. आमिर खान की विक्रम वेदा मेरी लिखी होगी इसलिए कानपुर, लखनऊ और मेरठ की साइट शूटिंग के लिए देखी जा रही है. इसके अलावा अजय देवगन का प्रोजेक्ट चाणक्य चल रहा है यह दो पार्ट में बनेगी.