मौसम ने बदला रंग
पिछले दो दिनों में सिटी के मौसम ने तेजी से करवट बदला है। सैटरडे से हो रही बारिश की वजह से तापमान में काफी गिरावट आई है। पिछले एक सप्ताह में टेंपरेचर में 10 डिग्र्री सेल्सियस से ज्यादा की कमी आई है। पंद्रह फरवरी को जहां सिटी का मैक्सिमम टेंपरेचर 31.5 डिग्री सेल्सियस था वो संडे को यह गिरकर 19.5 डिग्री तक पहुंच गया। संडे को दिनभर रुक-रुक कर बारिश होती रही। इस दिन शाम साढ़े पांच बजे तक 9.2 मिलीमीटर बारिश हुई।

क्या है वजह   
वेदर में अचानक से आए इस बदलाव के लिए मौसम विज्ञानी वेस्टर्न डिसटर्बेंस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बिरसा एग्र्रिकल्चरल यूनिवर्सिटी के एग्र्रोमेट एडवाइजर ए वदूद ने बताया कि राजस्थान के ऊपर स्ट्रांग वेस्टर्न डिसटर्बेंस बना है। इस वजह से  छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, आंध्रप्रदेश सहित पूरे इस्टर्न घाट पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन हो गया है। इसी के चलते  बारिश हो रही है। इसके अलावा बे ऑफ बंगाल के साउथ में डिसटर्बेंस की वजह से मॉइश्चर का लेवल भी बढ़ गया है। उन्होंने 19 फरवरी तक मौसम ऐसा ही रहने की उम्मीद जताई।

तो बढ़ेगी ठंढ
अगर आपने अपने स्वेटर और रजाइयां अलमारी में रख दिए हैं तो उसे दोबारा निकालने की तैयारी कर लें। मौसम विज्ञानी 19 फरवरी के बाद टेंपरेचर में काफी गिरावट की बात कह रहे हैैं। ए वदूद ने बताया कि बारिश खत्म होने के बाद शीतलहर चलेगी जिसकी वजह से तापमान में काफी कमी आएगी।

लापरवाही बन सकती है मुसीबत
इस सुहाने मौसम को इंज्वॉय करने दौरान बरती गई थोड़ी सी भी लापरवाही आपके लिए खतरनाक हो सकती है। फिजीशियन डॉ निर्मल कुमार ने बताया कि मौसम में अचानक से आया यह बदलाव कई तरह की बीमारियों को जन्म दे सकता है। उन्होंने कहा कि दिन-रात के टेंपरेचर के इस बड़े अंतर की वजह से बॉडी के एडजस्टमेंट में होने वाली प्रॉब्लम की वजह से सर्दी, खांसी, बुखार की काफी संभावना रहती है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अस्थमा, हार्ट और किडनी की बीमारी से जूझ रहे लोगों की परेशानियां बढ़ेंगी।

मौसम में अचानक आए बदलाव की वजह से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। पानी में भीगने से बचें। साथ ही बॉडी टेंपरेचर में भी ज्यादा अंतर नहीं आने दें।
-डॉ निर्मल कुमार, फिजिशियन, एमजीएम