ये होगा इनका

अब लोगों से मिले इन पुराने नोटों को सबसे पहले रिजर्व बैंक भेजा जाएगा। आइबीआई में इन नोटों की श्रेडिंग होगी। यहां श्रेडिंग के लिए एक मशीन लगी होती है। इस मशीन में नोटों को डाला जाता है। इसमें नोटों के छोटे-छोटे टुकड़े किए जाएंगे। टुकड़े करने के बाद इन नोटों को जलाया जाएगा। इसके बाद इनसे तैयार होंगी कोयले की ईंटें। इन ईटों को कॉन्ट्रैक्टर्स को दिया जाएगा। ये कॉन्ट्रैक्टर्स इनका इस्तेमाल सड़कों और गड्ढों को भरने में करेंगे। वैसे ट्रेंड से बाहर हुए नोटों को इस्तेमाल करने का ये तरीका तो सिर्फ इंडिया का है। अन्य देश इसके लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। आइए देखें क्या है वो....।

बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ऐसे किया था इस्तेमाल

बात करें बैंक ऑफ इंग्लैंड की। यहां 1990 तक पुराने नोटों को जलाकर इमारतों को गर्म करने का काम किया जाता था। इसके बाद 2000 के बाद से बैंक ऑफ इंग्लैंड ने चलन से बाहर हुए नोटों का इस्तेमाल खाद बनाने में किया। अब इस खाद को खेतों में डाला जाने लगा। बताया गया कि ऐसा करने से जमीन की उर्वरा शक्ित में बहुत बढोतरी हुई।

पुराने नोट से सरकार भरेगी रास्‍ते के गड्ढे,जानें और देश क्‍या करते हैं चलन से बाहर नोटों का

अमेरिका ने किया ये

इसके बाद बात करते हैं अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की। यहां पुराने नोटों की श्रेडिंग की जाती थी। इसके बाद बैंक इन्हें कलात्मक और फाइनेंशियल यूज के लिए दे देता है।

हंगरी में हुआ ये

वहीं हंगरी की बात करें तो 2012 में यहां के केंद्रीय बैंक ने प्रचलन से बाहर हुए नोटों को जला दिया था। इसके लिए इन्हें गरीबों को सोंप दिया गया था। ताकि वो इन्हें जलाकर अपनी सर्दी मिटा सकें। इनके जलने के बाद इससे ईंटें तैयार की जाने लगीं। उन ईंटों को मानवाधिकार संगठनों को सौंप दिया गया। ताकि वो इन्हें अपने तरह से इस्तेमाल कर सकें।

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