RANCHI: रांची में लॉकडाउन के दौरान सामान की कालाबाजारी के गम्भीर मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना वायरस को हराने के लिए सबकी भागीदारी जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग पर लगातार जोर दिया जा रहा है, लेकिन मुसीबत की इस घड़ी में कुछ लोग कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिला प्रसाशन को सबसे अधिक आटा और एलपीजी गैस की कालाबाजारी की सूचना मिल रही है। राशन दुकानदारों का भी आरोप है कि कुछ बड़े व्यवसायियों ने आटा का स्टॉक जमा कर लिया है, जिसके कारण काफी परेशानी हो रही है। वहीं, गैस की बिक्त्री को लेकर भी काफी ब्लैक मार्केटिंग की सूचना हर दिन आ रही है।

बार्डर पर खड़े हैं आटा के वाहन

सूत्र बताते हैं कि कुछ कंपनियों के आटा वाहन बॉर्डर पर खड़े हैं। ऐसे में उन्हें शहर में एंट्री के लिए वाहनों को वैलिड डॉक्यूमेंट चाहिए। साथ ही आटा की बोरियों को अनलोड करने के लिए लेबर्स भी चाहिए होंगे, जिसकी कमी है। इस बहाने से आटा के बड़े कारोबारी काले खेल को अंजाम दे रहे हैं।

एलपीजी की ब्लैक मार्केटिंग

बरियातू स्थित एसके गैस एजेंसी और सेक्टर-2 की फोंट्री फोंट गैस एजेंसी के बारे में शिकायत दर्ज कराई गई है कि यहां 855 का रसोई गैस सिलेंडर 11 सौ रुपए में दिया जा रहा है। इसके बाद जिला प्रशासन कार्रवाई में जुट गया है। जिला प्रशासन की एक टीम की जांच में यह बात सामने आई है कि दोनों गैस एजेंसियां एक रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 855 रुपए के बजाए 11 सौ वसूल रही थी।

होम डिलीवरी वालों की बदमाशी

इस मामले में गैस एजेंसी संचालकों का कहना है कि कुछ होम डिलीवरी वाले लोग बदमाशी कर रहे हैं। ऐसे में इन लोगों को बिल्कुल अधिक पैसे न दें। साथ ही इसकी शिकायत एजेंसी के दफ्तर में भी करें। जांच में अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि गैस एजेंसी के संचालक ही वसूल रहे थे या फिर होम डिलीवरी करने वाले उनके कर्मचारी।

रद्द हो सकता है लाइसेंस

अभी परेशानी का दौर चल रहा है और सरकार के अलावा जिला प्रशासन की तरफ से बार-बार ताकीद की जा रही है कि आवश्यक वस्तुओं के आपूर्तिकर्ता लोगों की मजबूरी का फायदा न उठाएं, फिर भी इस तरह की बातें सामने आ रही हैं। पेट्रोलियम कंपनियों की गाइडलाइन में स्पष्ट है कि अगर उनका डिस्ट्रीब्यूटर तय दर से ज्यादा एलपीजी की कीमत वसूलता है और शिकायत के बाद यह बात प्रमाणित हो जाती है तो उसका लाइसेंस भी रद्द हो सकता है।