सल में ट्यूजडे को दिल्ली के पुलिस कमिशनर भीम सिंह बस्सी ने एट होम रिसेप्शन ऑग्रेनाइज किया जिसमें शिरकत करने प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह, दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी समेत कई बड़े नेता ट्यूजडे को दिल्ली पुलिस पहुंचे. वहीं मोदी और किरण की अरविन्द से चाय पर बातचीत हुई. इस मौके पर घर जैसे माहौल में काफी अनौपचारिक बातें हुई. मोदी ने केजरीवाल से पूछा कि उन्हें इतनी खांसी क्यों आती है और इसके बाद डॉक्टर का पता भी बताया.
बातों का सिलसिला कुछ इस तरह बताया जा रहा है केजरीवाल अपने डिप्टी चीफ मिनिस्टर मनीष सिसोदिया के साथ एट होम फंक्शन में पहुंचे. थोड़ी देर बाद उप राज्यपाल नजीब जंग, राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहां पहुंच गए. खासे हल्के फुल्के माहौल में सब आपस में बातें कर रहे थे तभी केजरीवाल को अचानक उनकी फेमस खांसी आ गई. इस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि आपको खांसी बहुत रहती है. इस पर केजरीवाल ने कहा हां वो भी इससे परेशान हैं ठीक ही नहीं होती . इस पर मोदी ने पूछ लिया आपको इतनी खांसी आती क्यों है और ऐसा कब से हो रहा है. जवाब में केजरीवाल के कुछ कहने के पहले ही मनीष सिसोदिया बोल पड़े कि वे तो करीब 12-15 साल से देख रहें हैं ये खांसी बनी ही हुई है. केजरीवाल ने बताया कि कभी कम हो जाती है और वेदर चेंज या धूल बढ़ने पर बढ़ जाती है.
बस इसके बाद ही मोदी कंसर्न दिखाते हुए बोल पड़े की अरविंद को बेंगलुरू के डॉ. नगेंद्र से कंसल्ट करना चाहिए वे क्रॉनिक खांसी के एक्सपर्ट हैं. मोदी ने भरोसा दिलाया कि उनके ट्रीटमेंट से केजरीवाल जरूर ठीक हो जायेंगे. जिस पर अरविंद ने सहमति जताते हुए डाक्टर से मिलना एक्सेप्ट किया.
किरण बेदी ने भी पूछा हाल चाल
भले ही चुनाव के दौरान लगा हो कि किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल के रिश्ते काफी खराब हो गए हैं, लेकिन इस एट होम रिसेप्शन में वे दोनों अगल बगल बैठे और काफी हंसी खुशी बातचीत करते दिखाई दिए. किरण ने ना सिर्फ केजरीवाल से उनकी तबियत के बारे में पूछा बल्कि परिवार के बारे में जानकारी ली. किरण ने अरविंद को अपना ख्याल रखने के लिए कहा.
पुलिस स्थापना दिवस पर सेलिब्रेट किया जाने वाला एट होम रिसेप्शसन लोगों को अनौपचारिक माहौल में मिलने और बातचीत करने का मौका अवेलेबल कराता है. और इस बार वाकई इस मौके ने ऐसा कर भी दिखाया है. उम्मी्द है ऐसी मुलाकातों के बाद पॉलिटिकल लीडर्स के मन में कड़वाहट जरूर कुछ कम होगी. इस मौके पर अरविंद केजरीवाल और उनके साथी सबके लिए अट्रैक्शन का सेंटर बने रहे.
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