सर्दी ने बढ़ाया अस्थमा का बाजार
50 प्रतिशत तक बढ़ी अस्थमा की दवाइयों की सेल
बीपी और शुगर की दवाइयों में भी 30 से 40 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
Meerut । कड़ाके की सर्दी से भले ही मरीजों की सांस फूल रही हो, लेकिन इसी सर्दी ने दवा बाजार के मौसम में गर्मी पैदा कर दिया है। अस्थमा, बीपी, शुगर के बढ़ते मरीजों को देखते हुए इनकी दवाइयों का बाजार भी कई गुना बढ़ गया है। बाजार की स्थिति यह है कि सिर्फ अस्थमा के ही बाजार में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गई है। वहीं अस्पतालों में भी इन बीमारियों के मरीजों की भीड़ उमड़ रही है।
यह है स्थिति
मेरठ में आम दिनों में जहां सांस से संबंधित बीमारियों से दवा बाजार में महीने में 2 से 3 करोड़ का कारोबार होता है। वहीं सर्दी में सिर्फ सांस के मरीजों की संख्या बढ़ने से 50 प्रतिशत यानि 1 से डेढ़ करोड़ तक दवा कारोबार में इजाफा हुआ है। सरकारी अस्पतालों में भी इन दिनों करीब 60 प्रतिशत तक मरीज सांस, हार्ट, शुगर व बीपी के पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल में सिर्फ सांस के मरीज ही रोजाना 300 से 400 की संख्या में पहुंच रहे हैं जबकि शुगर व बीपी के करीब 150 से 200 मरीज पहुंच रहे हैं। जबकि हार्ट के मरीज भी रोजाना करीब 100 से 120 की संख्या में पहुंच रहे हैं। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में भी मरीजों की यही स्थिति है। यहां हर रोज 700 से ज्यादा मरीज सांस की बीमारियों से पीडि़त हैं। जबकि शुगर, बीपी और हार्ट के मरीजों की संख्या भी रोजाना 500 का आंकड़ा पार कर रही है। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की काफी तादाद पहुंच रही है।
इनकी बढ़ी बिक्री
- इंहेलर
- रोटा कैप व मास्क
- नेबुलाइजर
- नेबुलाइजेशन की दवाइयां
- इन्हेलर की मशीनें
- हार्ट की दवाइयां
- पेन किलर
- स्टीम मशीनें
- रेसपिरेटरी मशीनें व दवाइयां
- बीपी, शुगर, हार्ट की दवाइयां
- अस्थमा व सांस की दवाइयां
इनका है कहना
सर्दियां बढ़ते ही बीपी, हार्ट, अस्थमा जैसी बीमारियों के मरीजों में तेजी से वृद्धि होती है। जिसकी वजह से बाजार में भी उछाल आ जाता है।
रजनीश कौशल, महामंत्री, केमिस्ट व ड्रगिस्ट एसोसिएशन
अस्थमा के बाजार में ही 50 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। बीपी , शुगर और हार्ट की दवाइयों में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है।
सुधीर कुमार, संचालक, विशाल मेडिकाेज
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इस मौसम में सांस के मरीजों को धुंध की वजह से काफी तकलीफ होती हैं। संास लेने में दिक्कत होती है इसके अलावा हार्ट और बीपी के मरीजों को भी दिक्कत होती है।
डॉ। वीरोत्तम तोमर, चेस्ट स्पेशलिस्ट
इन दिनों अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीज सांस के ही आ रहे हैं। बीपी और हार्ट के मरीज भी काफी है।
डॉ। आर सी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज