भारत की तीसरी सबसे बड़ी आईटी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी मानी जाने वाली कंपनी विप्रो आने वाले तीन साल में अपने करीब 47000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है.

कंपनी से जुड़े र्सोसेज की माने तो ये घोषणा खुद विप्रो के सीईओ टीके कुरियन ने फ्रैंकफर्ट में की है. उन्होंने कहा है कि भविष्य की योजनाओं को मद्देनजर कंपनी कर्मचारियों की संख्या में कमी करेगी. पता चला है कि इंडस्ट्री आने वाले दिनों में ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और डिजिटल सर्विसेंज पर फोकस करने की प्लानिंग कर रही है जिसकी वजह से अगले तीन सालों में करीब 30 परसेंट इंप्ला्इज को बाहर किया जा सकता है.

कुरियन ने स्पष्ट किया ने कि कंपनी का मुख्य लक्ष्य कर्मचारियों को निकालने का नहीं है बल्कि उसकी अल्टीमेट एबिलिटी को इंप्रूव करने पर है. ताजा आंकड़ों के अनुसार बेंगलूरू में स्थित इस कंपनी से 31 मार्च 2015 को मिली जानकारी के हिसाब से कुल हैडकाउंट 1, 58, 217 बताया गया था.  कुरियन के हिसाब से कंपनी का स्पष्ट  फोकस अगले तीन साल में डिजिटल टैक्नलॉजी पर फोकस के साथ आगे बढ़ना है.

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