खतरनाक रास्ते के बावजूद करती है गांववालों की सेवा

दरअसल, छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एएनएस नर्स सुनीता ठाकुर दंतेवाड़ा जिले में गांववालों की सेवा करने के लिए अपनी जान की परवाह किये बिना हर रोज अपने साथ 4-5 किलो का मेडिकल किट लेकर खतरनाक मगरमच्छों से भरी नदी और नक्सलियों से भरे घने जंगल को पार करके जाती है। बता दें कि सरकार ने उसके इस साहसिक कार्य और कर्तव्यों को देखते हुए उसे सम्मानित करने का फैसला किया है। दंतेवाड़ा जिला कलेक्टर सौरभ कुमार का कहना है कि उसे उसके काम के लिए आगामी स्वतंत्रता दिवस के दिन सम्मानित किया जाएगा। क्योंकि सुनीता जैसे कर्मचारियों के ही कारण हम राज्य के दूरस्थ इलाके में भी स्वास्थ्य सेवा पहुंचा पाते हैं। उन्होंने कहा कि नदी पर जल्द ही पुल का निर्माण कर लिया जाएगा।

महिला दिवस पर उनकी भी सुध लें जिनकी कोई नहीं सुनता

इतने साल से कर रहीं नदी पार

सुनीता ठाकुर खतरनाक मगरमच्छों से भरी नदी और नक्सलियों से भरे इलाके को साल 2012 से ही पार कर रहीं हैं। चेरपाल गांव में लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए वह रोज अपनी जान को खतरे में डालकर इंद्रावती नदी को पार करती है। सुनीता ने बताया कि मैं अपने काम के प्रति दृढ़ हूं, मैं अपने खुद के बनाए हुए नाव के सहारे इंद्रावती नदी को पार करती हूं इसके बाद एक घने जंगल से गुजरने के बाद गांव पहुंचती हूं, जहां मैं गांव वालों की सेवा करती हूं।

नक्सलियों ने पकड़ लिया

बस्तर गांव की रहने वाली सुनीता ने बताया कि एक बार उन्हें नक्सलियों ने पकड़ लिया था। उन्होंने कहा कि 'मैं गांव वालों को उनके स्मार्ट कार्ड बनवाने में उनकी मदद कर रही थी। तभी कुछ माओवादी जंगल की तरफ से आए और उन्हें पकड़ लिया। वे हमारे पास से दो लैपटॉप और कुछ अन्य जरुरी सामान ले गए।'

महिला दिवस: इन 10 बॉलीवुड सितारों ने अनोखे अंदाज में दी इस खास दिन की बधाई

National News inextlive from India News Desk