कानपुर। आज यानी की 4 फरवरी को दुनिया भर में वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जा रहा है। इस बार विश्व कैंसर दिवस 2020 की थीम 'आई एम एंड आई विल' रखी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हर साल होने वाली छह मौतों में से एक मौत का कारण कैंसर की बीमारी भी है। 2018 में कैंसर से दुनियाभर में 96 लाख से ज्यादा मौतें हुई थी। बता दें कि कैंसर का इतिहास बहुत ही पुराना है, कैंसर एटलस ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है। तो आइये वर्ल्ड कैंसर डे के मौके पर हम कैंसर के इतिहास पर एक नजर डालें...

यहां देखें कैंसर का इतिहास

* 70-80 करोड़ साल पहले डायनासोर जीवाश्मों में कैंसर सेल्स के प्रमाण देखे गए। 2003 में कई शोध के बाद इस बात का पता चला।

* 4.2-3.9 करोड़ साल पहले होमो इरेक्टस में सबसे पुराना होमिनिड मेलिग्नेंट ट्यूमर पाया गया। 1932 में लुइस लीके ने इस बात की जानकारी दी थी।

* 3000 ई.पू. के दौरान मिस्र में ममियों में कैंसर के सेल्स पाए जाने के प्रमाण मिले।

* 1600 ई.पू. के दौरान मिस्र में स्थानीय लोग देवताओं में कैंसर के होने की बात किया करते थे। प्राचीन मिस्र के स्क्रॉल ने गर्भाशय द्वारा इलाज किए गए स्तन ट्यूमर के आठ मामलों का वर्णन किया है। उन्होंने बताया है कि पेट के कैंसर को उबले हुए जौ को खजूर के साथ मिलाकर इलाज किया जाता है।

* 500 ई.पू. में भारत में रामायण ने बढ़ते ट्यूमर को रोकने के लिए आर्सेनिक पेस्ट के साथ उपचार का वर्णन किया है।

* 50 ई में इटली में रोम के लोगों ने पाया कि कुछ ट्यूमर को सर्जरी के माध्यम से हटाया जा सकता है लेकिन उन्होंने देखा कि इस बीमारी में कोई भी दवा काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी प्रयासों के बाद भी कुछ ट्यूमर फिर से बढ़ गए।

* सन 1500 में यूरोप में कैंसर को पहचानने के लिए शव परीक्षण अधिक बार आयोजित किए गए और आंतरिक कैंसर की समझ बढ़ी।

* 1595 में नीदरलैंड में जाचरियस जैनसेन ने माइक्रोस्कोप का आविष्कार किया।

World Cancer Day 2020: कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए मनाते हैं यह दिन

* 17वीं शताब्दी में जर्मनी में कैंसर सर्जरी तकनीकों में सुधार हुआ लेकिन एनेस्थीसिया और एंटीसेप्टिक स्थितियों की कमी ने सर्जरी को एक जोखिम भरा विकल्प बना दिया। जर्मन सर्जन विल्हेम फैब्रिकियस हिल्डेनस (1560–1634) ने स्तन कैंसर के ऑपरेशन में बढ़े हुए लिम्फ नोड्स को हटा दिया, जबकि जोहान स्कल्सेटस (1595-1645) ने कुल महारत हासिल की।

* 17वीं शताब्दी में नीदरलैंड के एक प्रोफेसर हरमन बोहेव (1668-1738) का मानना था कि सूजन से कैंसर हो सकता है।

* 1733 -1788 के दौरान फ्रांस में चिकित्सकों और वैज्ञानिकों ने कैंसर पर व्यवस्थित प्रयोग किए, जिससे ऑन्कोलॉजी एक चिकित्सा विशेषता के रूप में विकसित हुई। दो नए वैज्ञानिक- चिकित्सक जीन एस्ट्रुच और रसायनशास्त्री बर्नार्ड पाइरीले- इन नई जांचों के प्रमुख थे।

* 1761 में यूनाइटेड किंगडम में डॉ. जॉन हिल ने तंबाकू और कैंसर को जोड़ने वाली पहली रिपोर्ट 'चेन्स अगेंस्ट द इममोड्रेट यूज़ ऑफ स्नफ' जारी की थी।

* 1779 में फ्रांस के रिम्स में पहला कैंसर अस्पताल बनाया गया। इसे शहर से स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया गया था क्योंकि लोगों का मानना था कि कैंसर संक्रामक है।

* 19वी सदी में आधुनिक माइक्रोस्कोप का आविष्कार हुआ, जिसने बाद में कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने में मदद की।

* 1910 में ऑस्ट्रिया में पहले राष्ट्रीय कैंसर सोसाइटी की स्थापना हुई, जिसका नाम 'ऑस्ट्रियाई कैंसर सोसाइटी' रखा गया।

* 1911 में अमेरिका के एक वैज्ञानिक पिटोन रौस (1879-1970) ने साबित किया कि वायरस से मुर्गियों में कैंसर हुआ, जिसके लिए उन्हें अंततः 1966 में नोबेल पुरस्कार दिया गया।

* 1930 में जर्मनी में कोलोन के शोधकर्ताओं ने धूम्रपान और कैंसर के बीच पहला संबंध जोड़ा था।

* 1933 में यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) की स्थापना हुई।

* 1963 में जापान में स्वास्थ्य मंत्रालय व शिक्षा मंत्रालय व विज्ञान और संस्कृति मंत्रालय द्वारा कैंसर रिसर्च कार्यक्रम स्थापित किए गए थे।

* 1965 में फ्रांस में WHO ने इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) की स्थापना की।

International News inextlive from World News Desk