हो सकता है कि हेलो कहने की आदत आपमें पहले से ही हो लेकिन बेहतर होगा कि आप अपना दायरा थोड़ा और बढ़ाएं और पार्टी या किसी गैदरिंग में अनजाने चेहरो΄ से हेलो कहने की शुरुआत आप खुद करें. ऐसा करने से ना सिर्फ आप पॉजिटिव लोगों में गिने जाएंगे बल्कि सोशल रिकगनिशन भी आपको पहले से ज्यादा मिलेगा.

World hello day


क्या है वल्र्ड हेलो डे?
वैसे तो वल्र्ड हेलो डे की शुरुआत 1973 में इजरायल और इजिप्ट के बीच चल रहे कॉन्फ्लिक्ट को खत्म करने के लिए शुरू की गई थी लेकिन बाद में इसका मकसद दुनियाभर में शांति लाना हो गया. इसे करीब 180 देशों में मनाया जाता है. लोगों का मानना है कि दो लोगों के बीच के अच्छे रिलेशन से भी दुनिया खूबसूरत हो सकती है.

कैसे कहे΄ हेलो?
हेलो कहने का हर किसी का अपना तरीका हो सकता है. हाय, गुड मॉर्निंग, वाट्स अप कहने का असर भी हेलो जैसा ही होता है. रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. प्रवेश राय कहते है΄, ‘आप जिन वड्र्स के साथ कफर्टेबल हैं उन्हें इस्तेमाल करना ही बेहतर होगा, क्योंकि इन वड्र्स के साथ आप नेचुरल होते है΄.’

किसे कहें हेलो?
आमतौर पर हम अपने ऑफिस में कोवर्कर्स या अपने पड़ोस के लोगो΄ को ही हेलो कहते है΄. डॉ. प्रवेश राय कहते हैं, ‘अपना दायरा बढ़ाने के लिए खुद को चैलेंज करना होगा. कई लोग होते हैं जिन्हें आप जानते तो हैं लेकिन उनसे बात नहीं होती है अगर आपकी नजर में वे बेहतर हैं तो हेलो कहने से आपको नहीं हिचकना चाहिए. यानी हेलो आपको अपॉच्र्युनिटी देता है अच्छे लोगों से दोस्ती करने का. अगर आपके हेलो कहने का रिस्पांस बहुत अच्छा न भी मिले, तो एक्सक्यूज के तौर पर आप लोगों से कह सकते हैं कि आप वल्र्ड हेलो डे विश कर रहे थे.

क्या होगा अगर हेलो ना कहें?
इमेजिन कीजिए अगर आप किसी पार्टी में   जाते हैं और लोग आपको हेलो कहते हैं तो आप खुद को टॉप पर फील करते हैं. क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट विनय तिवारी कहते हैं, ‘अगर आप लोगों को हेलो नहीं कहते हैं तो दूसरों को अच्छा फील कराने का मौका चूक जाते हैं. लोगों पर आपका फस्र्ट इंप्रेशन अच्छा नहीं होगा. कोई आपसे दोबारा मिलने को लेकर बहुत एनर्जेटिक भी नहीं होगा.’