रॉयल सोसायटी बायॉलजी लेटर्स में छपी स्टडी के अनुसार इत्तेफाक से ही वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे पुराने स्पर्म का जीवाश्म खोज निकाला है। अंटार्कटिका के बेहद अंदरूनी क्षेत्र में मिला यह जीवाश्म करीब 5 करोड़ साल पुराना बताया जा रहा है जो केंचुए की तरह दिखने वाले जीव क्लाईटेलाटा के ककून यानि कृमि के अंदर पाया गया।

कुछ और शोध करने गए वैज्ञानिकों ने इस ऐक्सिडेंटल डिस्कवरी पर खुशी जताते हुए कहा है कि उनकी टीम ककून का स्ट्रक्चर समझना चाहती थी और इसीलिए वे उसकी जांच कर रहे थे, कि तभी उनको स्पर्म के जीवाश्म दिख गया जो ककून के अंदर था। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह संभवत: सबसे पुराना जीव स्पर्म है, जो कृमियों की उत्पत्ति और जीवन के विकास के कई राज के बारे में जानकारी दे सकता है। वैज्ञानिकों को यह ककून एक दीवार के अंदर दबा हुआ मिला था।

बेंजामिन जो स्वीडिश म्यूजियम ऑफ रॉयल हिस्ट्री में एक रिसर्चर हैं, का मानना है कि हालांकि, जीवाश्म बहुत अच्छी तरह से संरक्षित अवस्था में मिला, लेकिन फिर भी फिल्म 'जुरासिक पार्क' की तरह उसका डीएनए नहीं निकाला जा सकता। इसका कारण है कि अब उसमें कोई ऑर्गेनिक मटीरियल नहीं बचा है। उन्हें ये ककून डाक्टर र्मोस से प्राप्त हुआ था. ककून के अंदर स्पर्म के साथ अंडे भी मिले हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपिक और स्कैनिंग तकनीक की मदद से खोजा गया है। कार्बन एजिंग से पता चलता है कि यह जीवाश्म करीब 5 करोड़ साल पुराना है। कहा जाता है कि क्लाईटेलाटा नाम का ये वार्म बहुत कम समय के लिए जीवित रहा था अत: इसे काफी दुर्लभ माना जाता है। ये स्पर्म भी इसलिए मिल पाया क्योंकि ककून के सूखने के पहले वो एक जैली जैसी चारहदिवारी में कैद हो गया।

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