प्रयागराज ब्यूरो । धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल में करने से अत्यंत शुभ माना जाता है और धन का योग बनता है. प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद आरंभ होता है. इस दिन सोना, चांदी का सिक्का, गोमती चक्र, झाड़ू, श्रीयंत्र, धनिया और चावल खरीदना शुभ माना जाता है. ंिहंदू कैलेंडर के अनुसार धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है.

पूजन का शुभ मुहूर्त

इस बार धनतेरस में पूजा का शुभ समय दस नवंबर को शाम 5.46 बजे से 7.43 बजे तक माना जा रहा है. इस अवधि में धनतेरस की पूजा करना सर्वोत्तम रहेगा. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक धनतेरस पर 13 दिये जलाए जाते हैं और पूजा में देवी मां लक्ष्मी, भगवान श्रीगणेश, धनवंतरि और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है. प्रदोष काल में कुबेर भगवान और मां लक्ष्मी पूजी जाती हैं. इस बार धनतेरस पर कई योग बन रहे हैं. इस दिन हस्त नक्षत्र रहेगा जो अपार धन लाभ कराता है. हस्त नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव है और श्ुाक्र व चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे. हस्त नक्षत्र में खरीदारी बेहद शुभ माना जाता है. साथ ही धनतेरस पर भगवान शनि भी अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में मार्गी स्थिति में रहेंगे. माना जाता है कि स्थिर लग्न के दौरान धनतेरस की पूजा की जाए तो मां लक्ष्मी घर में ठहर जाती हैं. वृषभ लग्न को स्थिर माना गया है. धनतेरस पर देवताओं वैद्य धनवंतरि की जयंती मनाई जाती है. इसी दिन परिवार के किसी सदस्य को असामयिक मृत्यु से बचाने के लिए यमराज के लिए घर के बाहर दीपक जलाया जाता है. जिसे यम दीपक नाम से जाना जाता है.

धनतेरस पर इन बातों का रखें ध्यान

- इस दिन सोना चांदी, पीतल या स्टील की खरीदारी करें.

- दीवाली के लिए गणेश लक्ष्मी मूर्ति भी इसी दिन खरीदें.

- इस दिन जरूरत मंदों को दान करने विशेष लाभ होता है.

- घर के भीतर खाली बर्तन लाने के बजाय उसमें पानी, चावल या किसी अनाज से भर लिया जाए.

- लोहा कतई नही खरीदना चाहिए.

- मुख्य द्वार के दोनों ओर स्वास्तिक का चिंह जरूर लगाएं.

- भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की अलग अलग मूर्तियां खरीदें.

- धनतेरस से रोजाना मुख्य द्वार के बाएं ओर घी का दीपक जरूर जलाएं.

पूजन की विधि

चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. इसके बाद गंगाजल छिड़ककर सबकुछ शुद्ध कर लें. इसके बाद भगवान धनवंतरि, माता महालक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें. भगवान के सामने खुशबू वाली धूप और देसी घी का दीपक जलाएं. एक कलश स्थापित करें. कलश पर नारियल रखकर उसे पांच प्रकार के पत्तों से सजा दें. इस दिन जो भी धातु, बर्तन या ज्वैलरी खरीदी है उसे चौकी पर रखकर विधि विधान से पूजन करें. देवी देवताओं को लाल फूल अर्पित करें. लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र, कुबेर स्तोत्र का पाठ करें. लक्ष्मी माता के मंत्रों का जाप कर उन्हें मिठाई का भोग भी लगाएं. इस बार धनतेरस पर खरीदारी का योग दस नवंबर की दोपहर 12.35 बजे से अगले दिन 11 नवंबर की सुबह तक है.

धनतेरस पर मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर के पूजन से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन माता का पूजन विधि विधान से करना चाहिए. प्रदोष काल में पूजन का विशेष लाभ प्राप्त होता है.

आचार्य बालकृष्ण त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य