मुस्लिम देशों से चार प्रतशित मदद

स्टेटिस्ता द्वारा जारी की गई निष्पक्ष रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, आईएसआईएस को मुस्लिम देशों से न के बराबर मदद मिलती है। इंडोनेसिया और साउदी अरेबिया जैसे देशों में सिर्फ चार प्रतशित लोग ही आईएसआईएस को सपोर्ट करते हैं। इससे ज्यादा आईएसआईएस को सपोर्ट सीरिया में मिलता है, जहां इस्लामिक स्टेट के कंट्रोल के बाद चार मिलियन से भी अधिक लोग देश छोड़ने को मजबूर हैं। नइजीरिया टयूनेसिया मलेसिया ईरान लेबनान का क्षेत्र काफी विस्तृत है पर इसके बाद भी वहां कोई आईएसआईएस को सपोर्ट नहीं करता।

इंडोनेशिया में हुआ था हमला

बीते गुरुवार को आतंकी संगठन ने ज्यादातर मुस्लिम देशों में हमला किया था। इंडोनेसिया में पहली बार सात लोग मारे गए, जिसमें से पांच आत्मघाती हमलावर शामिल थे। इस हमले में एक इंडोनेशियन पुलिस का सिपाही एक डच यूएन कर्मी सहित 20 अन्य लोग घायल हो गए थे। इंडोनेशियन पुलिस ने इस हमले से जुड़े हुए तीन लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ की है। इंडोनेशिया की 87 प्रतशित से भी अधिक जनता मुस्लिम है। इनमें अधिकतर सुन्नी वर्ग के लोग हैं। हमले के बाद इंडोनेसिया के राष्ट्रपति जोको जोकोवी विडोडो ने कहा कि आतंकवाद कभी नहीं जीत सकता।उनका यह करना यह दिखाता है कि वो सिर्फ लोगों को परेशान करना चाहते हैं और उनके बीच आतंक फैलाना चाहते हैं। हमरे राज्य और हमारा देश उनसे नहीं डरता है ना ही कभी डरेगा। हम उनके आतंक का डट कर सामना करेंगे।

मुस्लिम देशों को नॉन मुस्लिम से लड़ाना चाहता है आईएसआईएस

काउंसिल फॉर अरब ब्रिटिश अंडरस्टेडिंग के डायरेक्टर क्रिस डॉयल के अनुसार, रिसर्च में सामने आए नतीजे इतने भी आश्चर्यजनक नहीं हैं। उन्होंने बताया कि अरब में रहनी वाली मुस्लिम कम्यूनिटी आईएसआईएस की प्रथमिक शिकार है। अल कायदा के मामलों में तो अभी तक यही होता आया है। उनका हिंसात्मक रवैया ही उनका नियम है। जिस तरह से  वो महिलाओं के साथ व्यवहार करते हैं लोगों के सिर काटते हैं अब यह उन्हें प्यार करने या अपना बनाने का तो तरीका नहीं है। आईएसआईएस मुस्लिम जनता को नॉन मुस्लिम के खिलाफ कर देना चाहते हैं।

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