नशे की वजह से
हाल ही में भीलवाड़ा, राजसमंद, अजमेर, बूंदी, झालावाड़, बारां, कोटा और चित्तौड़गढ़ सेना में भर्ती के लिए रैली हुई। जिसमें 5 दिन चली इस रैली में 22 हजार 109 युवक युवक शामिल हुए। जिसमें दौड़ में 2 हजार 180 जो 10 प्रतिशत से भी कम युव पास हुए। इसके बाद जिकजैक, पुशअप्स, 9 फीट गड्ढे को पार करना, बीम सहित अन्य शारीरिक दक्षता की परीक्षा में और दौड़ में भी युवाओं के पास होने की संख्या कम रही। इसके बाद सबसे बड़ी बात तो यह है कि इनमें से मेडिकल के दौरान 40 फीसदी से कम युवक की पास हुए। आठ मेडिकल ऑफिसर, एक सीनियर ऑफिसर और एसआरएम की टीम मेडिकल के लिए लगाई गई थी।
शक्ितविहीन हो रहे
ऐसे में इस दौरान मेडिकल जांच में पाया गया कि आज युवा शारीरिक रूप से शक्ितविहीन होते जा रहे हैं। गुटका, तंबाकू, सिगरेट, शराब की वजह से ये काफी कमजोर होते जा रहे हैं। शरीर अंदर ही अंदर कम उम्र में ही खोखला होता जा रहा है। जिसकी वजह से उनके शरीर में अभी से काफी बीमारियां पनपने लगी हैं। मेडिकल के दौरान अधिकांश युवाओं में टेढ़ेपन, कलर ब्लाइंडनेस, कुपोषण का शिकार निकले है। जो कि काफी चौकाने वाले परिणाम हैं। इसमें महज 5 प्रतिशत ही ऐसे निकले जो सेना के लिए फिट निकले हैं। वहीं शेष युवाओं में 90 फीसदी युवा सामान्य स्वस्थ्य युवाओं की श्रेणी में भी नहीं शामिल होने वाले हैं। जिससे इन परिणामों को देखकर देश के युवाओं के भविष्य पर चिंता जताई जा रही है।
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