ब्रिटेन के अस्पताल में इलाज करा रही मलाला से मिलने के बाद ज़रदारी ने ये बातें कहीं. अक्टूबर के महीने से मलाला को विशेष मेडिकल सेवाएँ दी जा रही थी. स्वात घाटी में लड़कियों के लिए शिक्षा का अभियान चलाने वाली मलाला पर तालिबान ने 9 अक्टूबर को हमला किया गया था.

हमला

तालिबान चरमपंथियों ने उस वक्त मलाला पर हमला किया जब वो स्कूल से घर लौट रही थी. बंदूकधारियों ने उनके सिर और गले में गोलियां मारी थीं. इस हमले में मलाला की दो सलेहियाँ भी घायल हो गईं थीं.

15 अक्टूबर को मलाला को इलाज के लिए ब्रिटेन पहुंचाया गया. मलाला 2009 में 11 साल की उम्र में उस वक्त पहली बार सुर्खियों में आई थी जब उसने बीबीसी उर्दू सेवा के लिए डायरी लिखना शुरू किया था.

इसमें उन्होंने स्वात घाटी में तालिबान के दबदबे के बीच जिंदगी की मुश्किलों को बयान किया था. इसी बीच हजारों लोगों ने एक ऑनलाइन हस्ताक्षर मुहिम छेड़ी है जिसमें मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने की मांग की गई है.


International News inextlive from World News Desk