मुआवजे की महा'जंग'

-चार योजनाओं की 1200 एकड़ जमीन का विवाद

- 240 करोड़ की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन

-शताब्दीनगर योजना में एमडीए की पहुंच से बाहर 608 एकड़ जमीन

-तीन अन्य योजनाओं में भी 600 एकड़ से अधिक भूमि फंसी

Meerut। एमडीए और किसानों के बीच चल रहे मुआवजा संघर्ष में शहर की वो 1200 एकड़ जमीन फंसी है। 27 सालों बाद भी एमडीए विकास नहीं कर सका, वहीं कभी न खत्म होने वाले विवाद अलग खड़ा हो गया। आज भी इस विवाद को लेकर किसानों और एमडीए के बीच का विवाद मुखर होता रहता है। रविवार को भी किसानों ने अपनी मांग को लेकर धरना दिया।

गंगानगर आवासीय योजना

गंगानगर आवासीय योजना में एमडीए ने 2003 में किसानों को 210 रुपए प्रति गज बतौर मुआवाजा भुगतान किया गया था। नए समझौते के अनुसार यहां के किसानों को कुल मुआवजा 549 रुपए प्रति गज देना तय हुआ था। जिसमें से किसानों को प्रतिकर के रूप में कुल मुआवजा से 210 रुपए 13 साल के ब्याज (225 रुपए) के साथ घटाकर दी जानी थी।

कुल जमीन - 445 एकड़

कुल किसान - 700

तय मुआवजा - 549 रुपए प्रति गज

देय मुआवजा - 319 रुपए प्रति गज

कुल देय मुआवजा - 90 करोड़ रुपए

वेदव्यासपुरी आवासीय योजना

इस योजना में एमडीए ने 2008 में 165 रुपए प्रति गज मुआवजा भुगतान किया था। नए समझौते के अंतर्गत किसानों को कुल मुआवजा 549 रुपए प्रति गज देना तय हुआ था, जिसमें से किसानों को प्रतिकर के रूप में कुल मुआवजे से 165 रुपए और 8 सालों के ब्याज के साथ घटाकर दी जानी थी।

कुल जमीन - 800 एकड़

सीलिंग की जमीन - 400 एकड़

किसानों की जमीन - 400 एकड़

कुल किसान- 450 से 500

कुल मुआवजा - 549 रुपए प्रति गज

कुल देय मुआवजा - 80 करोड़ रुपए

लोहियानगर आवासीय योजना

इस योजना में एमडीए ने 2008 में 165 रुपए प्रति गज मुआवजा भुगतान किया था। नए समझौते के अंतर्गत किसानों को कुल मुआवजा 549 रुपए प्रति गज देना तय हुआ था, जिसमें से किसानों को प्रतिकर के रूप में कुल मुआवजे से 165 रुपए और 8 सालों के ब्याज के साथ घटाकर दी जानी थी।

कुल जमीन - 600 एकड़

कुल किसान - 550

कुल मुआवजा - 549 रुपए प्रति गज

कुल देय मुआवजा - 70 करोड़

शताब्दीनगर आवासीय योजना

गांव - 7 (जमीन)

किसानों की संख्या - 2369

कुल अर्जित भूमि - 1620 एकड़

कब्जे में भूमि - 608 एकड़

विकास में खर्च राशि - 500 करोड़

किसानों को दी राशि - 200 करोड़

प्रतिकर के रूप में दी राशि- 337 करोड़

किसानों ने दिया धरना

कसेरू बक्सर स्थित तिलकपुरम पार्क में गंगानगर, लोहियानगर व वेदव्यासपुरी के किसानों ने रविवार को एक बैठक का आयोजन किया। गंगानगर किसान संघर्ष समिति के बैनर तले इकठ्ठा हुए किसानों ने एमडीए के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बैठक की अध्यक्षता कर रहे रामचरन ने एमडीए अफसरों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया। समिति के महामंत्री हरविंदर सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए कि एमडीए द्वारा किसानों के साथ हुए मुआवजा समझौते को लेकर छह माह से अधिक का समय हो गया, बावजूद इसके एमडीए किसानों का भुगतान नहीं कर रहा है। उन्होंने एमडीए को एक हफ्ते के भीतर मुआवजा भुगतान न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

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शताब्दीनगर की तर्ज पर मुआवजा

मेरठ विकास प्राधिकरण ने अपनी आवासीय योजना शताब्दीनगर में किसानों को 690 रुपए का मुआवजा दिया था, जबकि लोहियानगर व वेदव्यासपुरी को केवल 165 और गंगानगर को 210 रुपए का मुआवजा ही दिया गया है। किसानों का आरोप है कि एमडीए अपनी ही भिन्न-भिन्न योजनाओं में अलग-अलग मुआवजा नीति अपना रहा है। किसानों की मांग है कि उनको भी शताब्दीनगर योजना की तर्ज पर ही मुआवजा दिया जाए।