महाराष्ट्र (एएनआई)। पालघर घटना के संबंध में कासा पुलिस स्टेशन के 35 पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया है। ये फैसला तब आया जब जब बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें पालघर की घटना की जांच को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को देने की बात कही गई। मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि, केंद्र सरकार और पालघर के एसपी एनआईए को मामले से जुड़ी रिपोर्ट दें।

शक के चलते मार डाला

पालघर पुलिस ने इस केस में अब तक 110 लोगों को अरेस्ट किया है। साथ ही 9 नाबालिग भी आरोपित किए गए हैं। पुलिस ने रविवार को उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने अपराध वाले दिन 2 साधुओं, 1 ड्राइवर और पुलिस कर्मी पर हमला किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना उस समय हुई, जब गुरुवार रात तीन व्यक्ति मुंबई के कांदीवली से कार से गुजरात के सूरत जा रहे थे। ग्रामीणों को शक था कि ये सभी लोग चोर हैं।

पुलिस हिरासत में आरोपी

वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि हमले की सूचना पर पहुंची पुलिस घायलों का लेकर अस्पताल पहुंची जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद इस मामले में 110 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इसमें 101 अभियुक्तों को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। नौ नाबालिगों को एक किशोर आश्रय गृह में भेजा गया है। पालघर के जिलाधिकारी के के शिंदे ने कहा कि पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची, लेकिन ग्रामीणों ने तीन लोगों पर हमला जारी रखा था। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने भी घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

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