खबर मिली है की राजस्थान में गंगरार क्षेत्र के सोनियाना गांव के 35 साल के वार्ड पंच रतनलाल जाट ने पिछले दिनों गांव की ही एक छह साल की मासूम से बकायदा विवाह किया। उसने ये विवाह नाता प्रथा नाम की एक पुरानी रस्म के तहत किया। इस रस्म में दो लोगों का बाल विवाह कर दिया जाता है और बड़ा होने पर यदि युवक अपनी पत्नी को साथ नहीं रखना चाहता तो उसे जीवन यापन के लिए खर्चा देकर छोड़ देता है और दूसरी शादी करने के लिए आजाद हो जाता है। हालाकि इस मामले में जानकार इस शादी को नाता प्रथा के तहत हुआ विवाह नहीं मान रहे।   

मां बाप ने पैसों के लिए ब्याह दी मासूम  

शादी की खबर फैलने के बाद प्रशसन और मीडिया से बचने के लिए दुल्हा रतनलाल परिवार सहित लापता है जबकि दुल्हन अपने माता पिता के पास है। पता चला है की गरीब घर की इस बच्ची के माता पिता को रतनलाल ने पैसे दे कर ये शादी की है। सुनने में आया है कि रतनलाल की शादी नहीं हो रही थी तो उसने अपने पर विवाहित होने का ठप्पा लगवाने के लिए ये शादी की और फिर लड़की को नाता प्रथा के नाम पर छोड़ दिया। अब वो दूसरी शादी करने के लिए स्वतंत्र है।

सबसे बड़ी बात तो ये सुनने में आयी है कि इस शादी को वैदिक रीति से करवाने वाले पंडित का दायित्व निभाने वाला गांव की उप सरपंच का पति था। फिल्हाल प्रशासन मामले की जांच में जुट गया है और दूल्हा फरार है।

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