4 अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल

आज दुनिया में एक असाधारण महिला के रूप में पहचानी जाने वाली अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स अपने जीवन काल में कड़ी मेहनत में कभी पीछे नहीं हटी हैं। शायद इसीलिए अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स का नाम दुनिया के उन चार अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हो चुका है, जिन्हें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की ओर से चुना गया है। हाल ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) के व्यावसायिक उड़ान के लिए उन्हें सेलेक्ट किया है।

1987 में नौसेना से जुड़ीं

भारतीय मूल की अमेरिकी नौसेना की कैप्टन सुनीता का बचपन से सपना कुछ अलग करने का था। वह जमीन आसमान समुद्र हर जगह पर जाना चाहती थी। शायद इसीलिए मई 1987 में नौसेना से जुडने के बाद वह हेलीकॉप्टर पायलट बनी थीं। इस दौरान सुनीता ने 30 अलग-अलग विमानों से 3,000 घंटे तक उड़ान भरकर लोगों को हैरत में डाल दिया था।

1998 में अंतरिक्ष अभियान

सुनीता की मेहतन और लगन के साथ उनमें एक बड़े अंतरिक्ष वैज्ञानिक के गुण देखते हुए नासा ने उनको 1998 में अंतरिक्ष अभियान के लिए चुना था। इस दौरान सुनीता विलियम्स ने वो कर दिखाया जो शायद कोई महिला कर सके। सुनीता ने 332 दिन अंतरिक्ष में गुजारे हैं। इतना ही नहीं इस दौरान उन्होंने 50 घंटे 40 मिनट की अंतरिक्ष में चहल-कदमी भी की थी।

माता पिता से काफी कुछ सीखा

अतंरिक्ष की सैर करने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला सुनीता ने अपने जीवनकाल में अपने माता पिता से काफी कुछ सीखा है। उन्होंने अपने पिता से सरल जीवन-शैली, आध्यात्मिक संतोष और मां से पारिवारिक संबंधों और प्रकृति के मूल्यों की परख करना सीखा है। इसके अलावा वह महात्मा गांधी को अपना रोल मॉडल मानती हैं। वह उन्हीं के विचारों को आज भी फॉलो करती हैं।

गुजरात के मेहसाणा जिले के झुलासण

भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स का परिवार मूल रूप से गुजरात के मेहसाणा जिले के झुलासण के रहने वाला हैं। 9 दिसंबर 2006 को सुनीता विलियम्स पहली बार अंतरिक्ष जाने वाली सुनीता से पहले पैगी व्हिटसन ने स्पेस में 377 दिन बिताए थे। कहा जाता है कि जब सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष गई थीं उस समय वह अपने साथ श्रीमद्भागवत गीता भी ले गई थीं।

Hindi News from World News Desk

International News inextlive from World News Desk