पार्टी के प्रवक्ता दिलीप पांडे ने बीबीसी से बातचीत के दौरान बिन्नी की बर्ख़ास्तगी की पुष्टि करते हुए कहा कि बिन्नी पार्टी की छवि ख़राब कर रहे थे, इसलिए उन्हें निष्कासित कर दिया गया.

दिलीप पांडे ने कहा कि पार्टी की पांच सदस्यीय अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने रविवार देर शाम बिन्नी को पार्टी से निष्कासित करने का फ़ैसला किया. आम आदमी पार्टी की सबसे प्रमुख निर्णायक बॉडी पॉलिटिकल अफ़ेयर्स कमेटी(पीएसी) ने पंकज गुप्ता की अध्यक्षता में अनुशासन समीति का गठन किया था.

पांडे के अनुसार सोमवार की सुबह विनोद कुमार बिन्नी को इसकी आधिकारिक सूचना दे दी जाएगी. बिन्नी ने इस बारे में पूछने पर केवल इतना कहा कि उन्हें इस बारे में फ़िलहाल कोई जानकारी नहीं है.

आप प्रवक्ता के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के हर्षवर्धन की तर्ज़ पर बिन्नी, उन्हीं की ज़ुबान बोल रहे थे और पार्टी पर कई बेबुनियाद आरोप लगा रहे थे.

ग़ौरतलब है कि बिन्नी पिछले कुछ दिनों से पार्टी के ख़िलाफ़ लगातार बयान दे रहे थे.

सोमवार 27 जनवरी से बिन्नी अपनी ही सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ जंतर-मंतर पर धरने पर बैठने वाले थे.

लक्ष्मी नगर से पार्टी के विधायक बिन्नी ने कुछ दिनों पहले कहा था कि केजरीवाल सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं कर रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को 'झूठा' तक कहा था.

बिन्नी की नाराज़गी

इसके बाद उन्हें कारण बताओ  नोटिस जारी किया गया था. उन पर पार्टी की छवि को ख़राब करने का आरोप लगाया गया था.

क़ानून मंत्री सोमनाथ भारती मामले में भी बिन्नी ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से मुलाक़ात कर उनसे भारती के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की अपील की थी.

पार्टी के ज़रिए क़ानून मंत्री का बचाव किए जाने पर भी बिन्नी पार्टी की राय से अलग थे और दिल्ली सरकार से क़ानून मंत्री को बर्ख़ास्त किए जाने की मांग कर रहे थे. केजरीवाल के ज़रिए रेल भवन पर धरना दिए जाने की भी आलोचना करते हुए बिन्नी ने कहा था कि सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए केजरीवाल धरने पर बैठे थे.

ग़ौरतलब है कि  सरकार के गठन के दौरान भी बिन्नी एक महत्वपूर्ण बैठक से उठ कर चले गए थे. उस वक़्त ये क़्यास लगााया जा रहा था कि मंत्री नहीं बनाए जाने के कारण वे पार्टी से नाराज़ है. लेकिन बाद में पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने उनसे मुलाक़ात की और फिर पार्टी की तरफ़ से कहा गया कि मंत्री नहीं बनाए जाने के कारण बिन्नी नाराज़ नहीं हैं और मीडिया में आ रही इस तरह की ख़बरें महज़ क़्यास हैं.

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