- अतिक्रमण हटाने के बाद नहीं बनाई गई थी सुरक्षा दीवार

- दो मकानों का पिछला हिस्सा, चार दुकानें ढह चुकीं अब तक

देहरादून,

प्रेमनगर में एक मकान व एक दुकान के बाद अब तीन और दुकानें फ्राइडे को ढह गई। सुबह सवा ग्यारह बजे अचानक ये दुकानें भरभरा पर गिर गई। हालांकि इस दौरान किसी प्रकार का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। लेकिन एक व्यापारी के दुकान में मौजूद सामग्री को नुकसान पहुंचा। व्यापारियों का कहना है कि ऐसे ही प्रेमनगर में करीब 39 कच्ची दुकानें हैं, जिन पर खतरा बना हुआ। इधर, जिला प्रशासन का कहना है कि एनएच ने प्रभावित व्यापारियों को खोखे हटाने व पुश्ता के निर्माण के बाद दोबारा जगह देने का भरोसा दिया है। लेकिन व्यापारी इसको मानने को तैयार नहीं हैं।

अब तक दो मकान, चार दुकानें ढह चुकीं

हाई कोर्ट के आदेश पर दो वर्ष पहले प्रेमनगर बाजार से अतिक्रमण हटाया गया था। प्रेमनगर से विकासनगर जाने वाली सड़क का विस्तारीकरण किया जा रहा है जिसके चलते रोड साइड की तीन दर्जन दुकानों को खतरा हो गया है। रोड साइड सुरक्षा दीवार का इन दिनों निर्माण किया जा रहा है, इसके लिए की गई खुदाई के कारण फ्राइडे को तीन दुकानें ढह गईं। ये दुकानें मोहन की पूजा सामग्री, अनिल सचदेवा की बेकरी व कमल की टेलरिंग शॉप बताई जा रही हैं। इससे पहले भी दो मकानों की पिछली दीवार व एक दुकान ढह गई थी। इसे लेकर स्थानीय व्यापारियों में आक्रोश है, वे धरने पर बैठ गए हैं। कैंट विधायक हरबंस कपूर भी फ्राइडे को मौके पर पहुंचे और इस संबंध में डीएम से बात करने का आश्वासन दिया।

व्यापारी कर रहे विरोध

3 दिन पहले प्रेमनगर में एक मकान का पिछला हिस्सा गिर गया था। इसके अलावा एक मकान-दुकान भी ढह गए थे। एसडीएम सदर गोपाल राम बिनवाल ने इलाके का इंस्पेक्शन कर डीएम आशीष श्रीवास्तव को डिटेल रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में व्यापारियों को हुए नुकसान के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी को निर्देश देने की बात कही गई थी। लेकिन व्यापारियों का आरोप है कि जिला प्रशासन हाईवे अथॉरिटी के साथ प्रेमनगर में मौजूद 39 कच्ची टिनशेड निर्मित दुकानों को पहले हटाना चाहती है। पुश्ते के निर्माण के बाद उन्हें बेदखल किए जाने की योजना है। प्रेमनगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि व्यापारी पुस्ता तैयार होने तक दुकानें खाली कर देंगे लेकिन इस बात की क्या गारंटी है कि एनएच उसी जगह पर उन्हें दुकानें बनाकर देगा। व्यापारियों का आरोप है कि प्रेमनगर मार्केट में पुस्ता निर्माण के दौरान सेफ्टी के इंतजाम नहीं किए गए हैं। इससे दुकानों को खतरा है।