काबुल (एपी)। गृह मंत्रालय ने कहा कि उपराष्ट्रपति सालेह के काफिले को निशाना बनाकर तब धमाका किया गया जब वह काबुल के एक बाजार से गुजर रहा था। इस बाजार की दुकानों में गैस सिलेंडर बेचे जा रहे थे। बम धमाके से आग लग गई और कई दुकानें धमाके में जल कर खाक हो गईं। अभी इस हमले की किसी आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। तालीबान ने तुरंत ही प्रतिक्रिया देते हुए इस हमले से इनकार किया है।

उपराष्ट्रपति को आई हल्की चोटें

प्रवक्ता रजवान मुराद ने कहा कि बम धमाका अफगानिस्तान के पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के काफिले को निशाना बनाकर किया गया था। बुधवार सुबह उपराष्ट्रपति का काफिले काबुल से होकर गुजर रहा था। सालेह अफगानिस्तान के पूर्व खुफिया प्रमुख भी रह चुके हैं। हमले के तुरंत बाद उन्होंने टेलीविजन संदेश में कहा कि वे ठीक हैं। धमाके की वजह से उन्हें जलने से हल्के जख्म आए हैं। टीवी में अपने संबोधन के दौरान उनके एक हाथ में पट्टी बंधी हुई थी।

टीवी संबोधन में लोगों की मांगी माफी

सालेह ने टीवी संबोधन में कहा, 'मैं और मेरा छोटा बेटा ठीक हैं। बेटा उस समय मेरे साथ था। मेरे चेहरे और हाथ पर धमाके के कारण जलने से हल्के जख्म हैं। मेरे पास अभी पुख्ता जानकारी नहीं है। धमाके में संपत्ति खोने और हताहतों के परिजनों से मैं माफी चाहता हूं।' उनके प्रवक्ता मुराद ने कहा कि यह हमला एक क्रूर आंतकी कोशिश है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारीक अरियन ने सालेह के काफिले को निशाना बनाकर हमले की पुष्टि की है।

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