मैगी को लेकर करार

नेस्ले ने मैगी के शौकीनों को धनतेरस पर एक शानदार तोहफा दिया है। ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील के साथ मैगी को लेकर करार किया है। जिसके चलते मैगी अब ऑनलाइन काफी तेजी से बिक रही है। हालांकि मैगी को कई राज्यों से अभी ऑफलाइन यानी रिटेल में बेचने की इजाजत नहीं है। जिससे अभी साधारण दुकानों में उसके पहुंचने में थोड़ा वक्त लगेगा। नेस्ले इंडिया देश के उन राज्यों में रिटेल बिक्री के लिए राज्य सरकारों से बातचीत कर रही है। इस संबंध में नेस्ले के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने कोर्ट के आदेश के बाद जांच के बाद मैगी उतारी हैं। जिसेस इस बार के उत्पादन में मैगी पूरी तरह से खरी उतरी है। उसमें निर्धारित मात्रा से कम लेड पाया गया है नेस्ले कंपनी इन दिनों भारत में तीन संयंत्रों तीन संयंत्रों नानजनगुड (कर्नाटक), मोगा (पंजाब) तथा बिचोलिम (गोवा) में उत्पादन कर रही है।

लैड की मात्रा अधिक

बताते चलें कि नेस्ले इंडिया की मैगी में लैड की मात्रा अधिक पाए जाने से यह विवादों में घिर गई थी। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पाई गई थी। जिसमें सबसे पहले मई के महीने में यूपी में मैगी में सीसा और एमएसजी (मोनोसोडियम ग्लुटामेट) निर्धारित सीमा से अधिक पाए जाने की बात सामने आई थी। ऐसे में यूपी में बैन के बाद देखते ही देखते देश के कई राज्यों में इस पर बैन लग गया। इसके बाद एफएसएसएआई ने बीती 5 जून को एफडीए की शुरुआती रिपोर्ट को देखते हुए देशभर में इसके बनाने और बेचने पर तो पाबंदी लगा ही थी। इसके साथ ही इसके आयात-निर्यात तक पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था।

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