उत्पादन के सैंपल
स्विट्जरलैंड की कंपनी नेस्ले अपने मैगी प्रोडक्ट को एक बार फिर बाजार में आने का मौका मिल गया है। कल नेस्ले कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उसने बंबई उच्च न्यायालय के आदेशों का गंभीरता से पालन किया। इस दौरान न्यायालय के मुताबिक उसने मान्यता प्राप्त तीन प्रयोगशालाओं में अपने उत्पादन के सैंपल जांच हेतु भेजे हैं। जो तीनों प्रयोगशालाओं (नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग कैलिबरेशन लेबोरेटरीज) में पूरे कर लिए गए हैं और उनके परिणाम आ चुके हैं। इस बार के उत्पादन में मैगी पूरी तरह से खरी उतरी है। उसमें निर्धारित मात्रा से कम लेड पाया गया है। ऐसे में साफ है कि अब नेस्ले अपने सभी नव निर्मित उत्पादों के परीक्षण में सफल होने के बाद से बाजार में उतारने की तैयारी कर चुकी है। नेस्ले कंपनी इन दिनों भारत में तीन संयंत्रों तीन संयंत्रों नानजनगुड (कर्नाटक), मोगा (पंजाब) तथा बिचोलिम (गोवा) में उत्पादन कर रही है।

विवादों में घिर गई
इसके साथ ही कंपनी का यह भी कहना है कि अब वह भारत के दूसरे राज्यों में भी इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार से बातचीत कर रही है। बताते चलें कि नेस्ले इंडिया की मैगी में लैड की मात्रा अधिक पाए जाने से यह विवादों में घिर गई थी। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पाई गई थी। जिसमें सबसे पहले मई के महीने में यूपी में मैगी में सीसा और एमएसजी (मोनोसोडियम ग्लुटामेट) निर्धारित सीमा से अधिक पाए जाने की बात सामने आई थी। ऐसे में यूपी में बैन के बाद देखते ही देखते देश के कई राज्यों में इस पर बैन लग गया। इसके बाद एफएसएसएआई ने बीती 5 जून को एफडीए की शुरुआती रिपोर्ट को देखते हुए देशभर में इसके बनाने और बेचने पर तो पाबंदी लगा ही थी। इसके साथ ही इसके आयात-निर्यात तक पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था।

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