ऐसी है जानकारी
विमानन कंपनी के सूत्रों ने जानकारी देते हुए ऐसा बताया कि इस धन का एक बड़ा हिस्सा बोइंग 787-800 विमानों की खरीद के लिए पहले लिए गए ऋणों के फिर से भुगतान में इस्तेमाल किया जाएगा। एसएलबी व्यवस्था के तहत संपत्ति बेचने वाली कंपनी इसे खरीददार से लंबे समय के लिए पट्टे पर वापस ले लेती है और बिना स्वामित्व के वह इसका निरंतर इस्तेमाल करती रहती है।

बेड़े में कुल 131 विमान
बता दें कि एयर इंडिया के बेड़े में कुल 131 विमान हैं, जिसमें बोइंग, एयरबस और एटीआर विमानों के अलावा सीआरजे भी शामिल हैं। इनमें से 21 विमान बोइंग 787-800 के हैं। इससे पहले भी एयर इंडिया ने इसी तरह की एक व्यवस्था के तहत 12 ड्रीमलाइनर विमान बेचकर इन्हें वापस पट्टे पर लिया था। एयर इंडिया के सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया ने सभी नौ ड्रीमलाइनर विमान सिंगापुर की एक कंपनी को 7,000 करोड़ रुपये में बेच दिया है।

विमानों को लिया गया पट्टे पर वापस
इन विमानों को अब पट्टे पर वापस ले लिया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि इस सौदे से प्राप्त कुल रकम में से करीब 6,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल विमानों की खरीद के समय लिए गए ऋण के पुनर्भुगतान में किया जाएगा और बाकी 1,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

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