58 परसेंट हुई हिस्सेदारी
इस फैसले के साथ स्पाइसजेट में अजय की हिस्सेदारी 4.5 से बढ़कर 58 परसेंट हो गई है. हालांकि सन ग्रुप अब भी 10 परसेंट वारंट के परिवर्तन के जरिये एयरलाइन में 80 करोड़ का इनवेस्ट करेगा. इस खबर के साथ स्पाइसजेट का शेयर 55 पैसे बढ़कर 18.65 रुपये पर बंद हुआ. फिलहाल स्पाइसजेट का बाजार पूंजीकरण करीब 1,000 करोड़ रुपये है. स्पाइसजेट की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 'इसी के साथ बोर्ड ने कंपनी को निर्देश दिया है कि वह इस निर्णय के बारे में विमानन मंत्रालय को सूचित करते हुए आवेदन करे. स्पाइसजेट लिमिटेड के पुनर्गठन, स्वामित्व व प्रबंधकीय नियंत्रण में परिवर्तन तथा पुनरुद्धार के बारे में अन्य सभी आवश्यक व उपयुक्त कदम उठाए.' सन ग्रुप के सीएफओ एसएल नारायण ने कहा कि ग्रुप अपनी पूरी 53.5 परसेंट इक्विटी अजय सिंह को ट्रांसफर करेगा. मगर वारंट कन्वर्जन के जरिये एयरलाइन में सन ग्रुप एक छोटा निवेशक (10 परसेंट) बना रहेगा.

भारी कर्जे में डूबी है कंपनी
आपको बताते चलें कि मारन ने साल 2010 में 750 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदकर स्पाइसजेट का स्वामित्व हाथ में लिया था. उस समय स्पाइसजेट के पास 450 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व था. मगर अगले तीन सालों में कंपनी का क्रमिक रूप से लॉस होता गया. इसके चलते कंपनी न केवल घाटे में चली गई, बल्कि उस पर भारी कर्ज भी हो गया. पिछले दो महीनों से कंपनी के समक्ष नकदी का घोर संकट पैदा हुआ. उसके लिए कर्मचारियों का वेतन देना भी मुहाल हो गया. नवंबर और दिसंबर का वेतन देने में उसे खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस बीच स्पाइसजेट के अनेक पायलट व क्रू सदस्य नौकरी छोड़कर चले गए. इसके साथ ही एयरलाइन ने अपने विमानों व उड़ानों की संख्या भी सीमित कर दी.

सेबी से किया छूट देने का आग्रह
अजय सिंह ने मंगलवार को पूंजी बाजार नियामक सेबी के अधिकारियों के साथ मुलाकात कर इसे पुख्ता रूप दिया था. वहीं बताया जाता है कि अजय ने सेबी अधिकारियों से ओपन ऑफर से छूट देने की अपील की थी. अब वह सभी शेयर होल्डर्स के साथ मिलकर नियामक से यही अनुरोध कर सकते हैं. यदि इसके बावजूद सेबी ओपन ऑफर पर जोर देता है तो अन्य निवेशकों को स्पाइसजेट की 26 परसेंट इक्विटी (लगभग 250 करोड़ रुपये) खरीदनी पड़ेगी.

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