ऐसी है जानकारी
सरकार की ओर से 1 अप्रैल 2016 से जीएसटी को लागू करने का वादा किया गया है। इस बारे में वित्त मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि उन्होंने जीएसटी में ऐल्कोहल और तंबाकू सरीखे उद्योगों के लिए अतिरिक्त कर को लगाने का प्रावधान रखा है। वो बात और है कि अभी अधिकारी ने ये नहीं बताया है कि प्रस्तावित जीएसटी व्यवस्था में किस दर यह टैक्स लिया जाएगा।

ऐसा कहना है अधिकारियों का  
इस बारे में अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ये अनिष्ट टैक्स बिल्कुल प्रोडक्ट टैक्स जैसा ही है। ये भी खासतौर पर उन उत्पादों पर लगाया जाता है, जो समाज के नजरिए से हानिकारक और स्वास्थ्य के नजरिए से नुकसानदेह माने जाते हैं। ऐसे उत्पादों में शराब, सिगरेट आदि शामिल हैं।

ये है उद्देश्य
बताते चलें कि इस अनिष्ट टैक्स की व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रचलित किया गया है। इसमें शराब और तंबाकू सरीखे उत्पादों पर अधिक कर लगाया जाता है। सरकार की ओर से बताया गया है कि इस तरह के कर को लगाने का उद्देश्य ये है कि ऐसे उत्पादों और सेवाओं को लेकर लोग हतोत्साहित हों। इतना ही नहीं इन उत्पादों पर ज्यादा दर पर टैक्स लगाना टैक्स रेवेन्यू को बढ़ाने का सामान्य तरीका है।

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