-व्यापारी हैं परेशान, जीएसटीआर-9 भरे बगैर नहीं भर सकते हैं जीएसटीआर-9सी

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: 31 अगस्त जीएसटीआर-9 यानी एनुअल रिटर्न भरने की लास्ट डेट है। लेकिन अभी तक पूरे देश में 22 प्रतिशत और प्रयागराज में केवल छह प्रतिशत व्यापारी ही एनुअल रिटर्न भर पाए हैं। करीब 35 हजार व्यापारी अभी तक जीएसटीआर-9 नहीं भर सके हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि पांच दिन में 35 हजार व्यापारी एनुअल रिटर्न नहीं भर पाए तो फिर क्या होगा?

टेक्निकल सिस्टम बढ़ा रहा परेशानी

जीएसटी में रजिस्टर्ड सभी व्यापारियों को एनुअल रिटर्न भरना है। लेकिन जीएसटी का टेक्निकल सिस्टम ही व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। जीएसटी नेटवर्क द्वारा पोर्टल पर जो डाटा अपडेट किया गया है, वह व्यापारी द्वारा तैयार डाटा से मैच ही नहीं हो पा रहा है। ऑटो पॉपुलेडेट डाटा में गड़बड़ी के चलते चाह कर भी व्यापारी एनुअल रिटर्न नहीं भर पा रहे हैं।

जीएसटीआर-2 भरने का नहीं है ऑप्शन

जीएसटीआर-1 में व्यापारियों को सेल परचेज की इंट्री करनी है। वहीं जीएसटीआर-2 में सेल परचेज का मिलान करना था। लेकिन जीएसटी काउंसिल द्वारा जीएसटीआर-2 भरने का ऑप्शन व्यापारियों को दिया ही नहीं गया। जीएसटीआर-3बी के जरिये व्यापारियों से डायरेक्ट रिटर्न लिया गया। वहीं अब जब व्यापारी एनुअल रिटर्न भरने का प्रयास कर रहा है तो फिर सेल और परचेज का मिलान किया जा रहा है। पोर्टल पर अगर सेलर का बिल अपडेट नहीं है, तो फिर परचेजर एनुअल रिटर्न नहीं भर सकता है।

रेक्टिफिकेशन न होने से बढ़ी परेशानी

व्यापारियों को एक तरफ जहां सेल-परचेज मिलान का ऑप्शन नहीं दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ रेक्टिफिकेशन यानी भूल सुधार का कोई विकल्प नहीं है। जिसकी वजह से व्यापारी परेशान हैं। एकाउंट बनाने में कोई गड़बड़ी हो गई है, तो उसमें सुधार करने का कोई ऑप्शन नहीं है।

वर्जन-

जीएसटी काउंसिल के पेचीदे नियम व्यापारियों पर भारी पड़ रहे हैं। पूरे देश में लाखों व्यापारी इसी पेचीदगी के कारण जीएसटीआर-9 नहीं भर पाए हैं। इसलिए जीएसटी काउंसिल को लास्ट डेट बढ़ाकर जटिलता दूर करनी चाहिए।

-महेंद्र गोयल

प्रदेश अध्यक्ष, कैट

जीएसटी काउंसिल ने कहा था कि डेढ़ करोड़ से कम टर्न ओवर वाले व्यापारियों के लिए एचएसएन कोड जरूरी नहीं है। वहीं अब कहा जा रहा है कि एचएसएन कोड मेंडेटरी है। सेल-परचेज का मिलान नहीं हो रहा है। ऑटो पॉपुलेटेड डिटेल में काफी गड़बडि़यां हैं।

-तरंग अग्रवाल

दवा व्यापारी

वर्जन-

जीएसटीआर-9 भरने से पहले जो डिटेल आ रहा है, उसमें गड़बड़ी की कम्प्लेन व्यापारियों द्वारा की जा रही है। डिटेल मैच न होने से व्यापारी एनुअल रिटर्न नहीं भर पा रहे हैं। जिसकी जानकारी जीएसटी काउंसिल को दी जा चुकी है।

एके राय

एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1

वाणिज्य कर