फुटपाथ कहा है, लोगो

आनंद भवन रोड की पहचान बन चुकी हैं बैग की दुकानें

- नगर निगम ने फेरी नीति के तहत चल रही किराएदारी को कुछ वर्षो पहले किया था खत्म

PRAYAGRAJ: बालसन चौराहे से कचहरी की तरफ जाने वाली रोड पर आजादी की लड़ाई का मुख्य केंद्र रहा ऐतिहासिक आनंद भवन स्थित है। जिसे देखने देश के कोने-कोने से पर-डे सैकड़ों लोग आते हैं। लेकिन इस रोड की पहचान केवल आनंद भवन नहीं बल्कि फुटपाथ पर लगने वाली बैग की दुकानें भी हैं, जो आज से नहीं बल्कि करीब तीन-चार दशक से यूं ही लग रही हैं।

नगर निगम तीन सौ रुपये वसूलता था किराया

आनंद भवन रोड पर फुटपाथ पर बैग की दुकान लगाने वाले दुकानदार फेरी नीति के तहत नगर निगम में रजिस्टर्ड हैं। जिनका कार्ड बना है और ये सभी नगर निगम के किराएदार हैं। जिन्हें 6 बाई 4 की जगह दी गयी थी। जिसके बदले में नगर निगम इनसे बकायदा 300 रुपये हर महीने वसूलता था। एक-एक दुकानदार नगर निगम को करीब 1600 रुपया किराया देता था। लेकिन नगर निगम ने कुछ साल पहले अचानक किराएदारी ही खत्म कर दी। बेरोजगार दुकानदार आज भी फुटपाथ पर अपनी दुकान चला रहे हैं।

फुटपाथ पर कब्जा है, लेकिन रोजी-रोटी की मजबूरी है

जब भी कोई वीआईपी मूवमेंट होता है, आनंद भवन रोड से दुकानदारों को हटा दिया जाता है। दुकानदार भी ये मानते हैं कि उन लोगों ने फुटपाथ पर कब्जा किया हैं, लेकिन बेरोजगारी के कारण रोजी-रोटी की मजबूरी है। व्यवस्था भी बनी रहे और लोगों की रोजी-रोटी भी चलती रहे, इसलिए व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है।

वर्जन-

आनंद भवन रोड पर फुटपाथ पर जितनी भी दुकानें लगती हैं, सभी दुकानदार नगर निगम के किराएदार हैं, लेकिन नगर निगम ने किराया लेना बंद कर दिया। निगम के कुछ कर्मचारी पैसा वसूलते हैं। जबकि ये सब अवैध नहीं बल्कि निगम के किरायेदार हैं।

आनंद घिल्डियाल

पार्षद, कर्नलगंज

शहर की व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। इसलिए निगम अधिकारियों को कार्रवाई से पहले इन दुकानदारों के बारे में सोचना चाहिए और इनके लिए एक बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए।

वीके साहू

30-40 वर्षो से चल रही मार्केट नैचुरल मार्केट की श्रेणी में आ जाती हैं। इसलिए इस मार्केट को भी नैचुरल मार्केट घोषित करते हुए नगर निगम को पब्लिक और दुकानदारों के लिए एक बेहतर व्यवस्था बनानी चाहिए।

कमलेश सिंह

पार्षद