-सिटी के डिफरेंट एरियाज में गेस्ट हाउसेस और धर्मशालाओं को किया गया चिन्हित
-जरूरत पड़ने पर इन जगहों पर 14 दिन के लिए रखे जाएंगे संदिग्ध
PRAYAGRAJ: बाहर से आने वाले संदिग्धों के लिए शहर में क्वैरेंटाइन सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जा रही है। दरअसल, ऐसे लोगों की संख्या बहुत अधिक है जो बाहर से आने के बाद चोरी-छिपे अपने घरों में प्रवेश कर गए हैं। इन लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन को भी नहीं दी है। ऐसे लोगों के लिए पब्लिक सर्विलांस का सहारा लिया जा रहा है। सबसे ज्यादा मामले रूरल एरियाज के हैं जहां से सर्वाधिक फोन काल्स आ रही हैं। परिजनों और आसपास रहने वालों का कहना है कि बाहर से आने वाला शख्स सहयोग करने को तैयार नहीं है इसलिए आकर इनकी जांच करिए।
रोजाना जा रही मेडिकल टीम
-पब्लिक का फोन आते ही मेडिकल टीमों को संबंधित स्थानों पर भेज दिया जाता है।
-इस दौरान टीम के साथ प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी रहते हैं।
-यहां संबंधित व्यक्ति की स्क्रीनिंग कर उसे क्वेरेंटाइन सेंटर भेज दिया जाता है।
-खासकर दिल्ली, गाजियाबाद, मुंबई आदि जगहों से आने वालों पर विशेष निगाह रखी जा रही है।
-बहुत से लोग विदेश से भी आए हैं और उनको भी क्वैरेंटाइन किया गया है।
-अभी तक ऐसे कुल 491 लोग क्वैरेंटाइन हैं इनकी एक्टिविटीज व सिम्पटम्स पर नजर रखी जा रही है।
कई जगहें हुई हैं चिन्हित
-शहर के कई भवनों को चिन्हित कर उन्हें क्वैरेंटाइन सेंटर में तब्दील किया गया है।
-सोहबतियाबाग के कमला गेस्ट हाउस और केपी कम्युनिटी सेंटर को हाल ही में जोड़ा गया है।
-इसी तरह सैकड़ों की संख्या में लोगों को घरों और गांव के आसपास प्राइमरी स्कूलों में भी क्वैरेंटाइन करके रखा गया है।
-इनकी निगरानी फैमिली मेंबर्स के साथ-साथ प्रधान और पुलिस जवानों को सौंपी गई है।
-गांव के आसपास के सरकारी स्कूलों को क्वैरेंटाइन सेंटर बनाकर बाहर से आए मजदूरों-कामगारों को यहां 14 दिन रोका गया है।
सरकार ने खोला राहत का खजाना
इस बीच उप्र सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए फंड उपलब्ध करा दिया है। इसके तहत
10 करोड़
रुपए की राशि मजदूरों को एक हजार रुपए देने के लिए,
01 करोड़
रुपए कोरोना के ट्रीटमेंट में लगे मेडिकल स्टाफ के लिए,
02 करोड़
रुपए मेडिकल कॉलेज के रखरखाव के लिए।
05 करोड़
रुपए कम्युनिटी किचेन सहित तमाम सुविधाओं के लिए दिए गए हैं।
हमारे पास सूचना आते ही विदेशियों और संदिग्धों को क्वैरेंटाइन कराया जा रहा है। इस समय फोन कॉल्स की संख्या सीमित हो गई है। लेकिन जैसे-जैसे लोग मिल रहे उनको पब्लिक से अलग किसी भवन में रखा जा रहा है। प्रशासन की ओर से ऐसे भवनों को एडॉप्ट किया जा रहा है।
-मनोज राव,
प्रभारी, प्रशासनिक कोरोना कंटोल रूम