-पुअर स्कूल ट्रांसपोर्ट के चलते पैरेंट्स को कई बार फेस करनी पड़ती है प्रॉब्लम

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PRAYAGRAJ: बच्चों के एडमिशन की जिम्मेदारी सिर्फ सही स्कूल चुनने भर से ही खत्म नहीं हो जाती। स्कूल में मिलने वाली दूसरी फैसिलिटीज का होना भी उतना ही इंपॉर्टेट होता है। ऐसा ही एक प्वॉइंट है स्कूल से पिक एंड ड्रॉप के लिए सही ट्रांसपोर्टेशन का होना।

अगर सही ट्रांसपोर्टेशन नहीं हुआ तो अच्छा से अच्छा स्कूल होने के बावजूद यह आपके लिए सिरदर्द सरीखा बन जाता है। कई बार तो पैरेंट्स को इसके लिए अपनी ऑफिस तक छोड़नी पड़ती है। इसलिए अपने बच्चे के लिए सही स्कूल का सेलेक्शन करते देखें कि आपके बच्चे का स्कूल आपकी रीच में है या नहीं।

ज्यादातर स्कूलों में टांसपोर्टेशन नहीं

सिटी के ज्यादातर स्कूल ट्रांसपोर्टेशन को लेकर खास इंतजाम नहीं करते हैं। आप अपने बच्चे का जिस स्कूल में एडमिशन कराने जा रहे हैं, वहां पता कर लें कि उनके यहां ट्रांसपोर्टेशन का इंतजाम क्या है? अगर स्कूल की तरफ से ट्रांसपोर्टेशन नहीं है तो इस बारे में पूरी तैयारी कर लें। अगर आप जॉब में हैं तो सुनिश्चित कर लें कि आपके एरिया से स्कूल के लिए ट्रांसपोर्टेशन ईजिली अवेलेबल है। प्राइवेट व्हीकल करते वक्त वैन या बस चालक व संचालक की डिटेल अपने पास जरूर रखें।

इन बातों का रखें ध्यान

-स्कूल बस या स्कूल वैन में सिक्योरिटी के सभी स्टैंड‌र्ड्स को फॉलो किया जाता हो।

-परिवहन डिपार्टमेंट के मानकों को पूरा करने वाले स्कूल वाहनों को ही बच्चों के लिए हायर करें।

-स्कूल के लिए चलने वाली बसों में सीसीटीवी कैमरे जरूर लगे हों।

-स्कूल बस या वैन के चालक और सहकर्मी का मोबाइल नंबर, आधार कार्ड और पुराने रिकार्ड की भी जानकारी रखें।

-यह भी पता कर लें कि स्कूल में वाहन और वाहन चालक के संबंध में पूरी जानकारी हो।

ड्राइवर एक्सपर्ट हो, उसके डीएल आदि की जांच कर लें। इसके साथ ही क्लीनर के बारे में भी पूरी जानकारी रखें। जिन व्हीकल में जीपीएस सिस्टम, कैमरा आदि लगा हो, उन्हीं को प्राथमिकता दें।

-अल्पना डे

प्रिंसिपल, पतंजलि गंगागुरुकुलम