फेल करने का आदेश रद, पुलिस भर्ती बोर्ड को दो माह में नियुक्ति का निर्देश

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हाईकोर्ट ने कहा है कि लिखित, साक्षात्कार और शारीरिक दक्षता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी को मेडिकल टेस्ट के आधार पर फेल नहीं किया जा सकता है। इस मामले में पूर्व में भानु प्रताप राजपूत केस में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए कोर्ट ने दरोगा भर्ती 2016 के अभ्यर्थी को मेडिकल टेस्ट के आधार पर फेल करने का आदेश रद कर दिया है। कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड को याची की नियुक्ति पर नए सिरे से विचार कर निर्णय लेने के लिए कहा है।

मेडिकल रिपोर्ट को किया चैलेंज

शोभित प्रजापति की याचिका पर यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने दिया है। याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि याची ने 17 जून 2016 को जारी दारोगा भर्ती के विज्ञापन के तहत आवेदन किया था। सभी परीक्षाओं में सफल होने के बाद दस्तावेज सत्यापन और शारीरिक दक्षता परीक्षा में भी वह सफल रहा। शारीरिक दक्षता में उसका सीना 79 सेंटीमीटर बिना फुलाए और फुलाने के बाद 84 सेंटीमीटर था, जो कि निर्धारित मानक के अनुरूप है। इसके बाद मेडिकल टेस्ट हुआ जिसमें कहा गया कि उसका सीना बिना फुलाए 78 सेंटीमीटर है और फुलाने के बाद 82.5 सेंटीमीटर है, जो निर्धारित मानक से कम है। इस आधार पर उसका अभ्यर्थन रद कर दिया गया।

दो माह में लेना होगा फैसला

इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि नियमावली के तहत यदि अभ्यर्थी सभी परीक्षाओं में उत्तीर्ण है तो उसे मेडिकल में बाहर नहीं निकाला जा सकता है। अधिवक्ता भानु प्रताप राजपूत केस में हाईकोर्ट के पूर्व के निर्णय का हवाला दिया। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए भर्ती बोर्ड को याची की नियुक्ति के संबंध में दो माह में निर्णय लेने के लिए कहा है।