आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदी ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजा था मेल, 16 मई तक सजा निलंबित

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय कारागार वाराणसी में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे लालू उर्फ दिनेश कुमार शुक्ल को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा को 16 मई 2020 तक निलंबित कर दिया है। कोर्ट ने यह आदेश कैदी की गंभीर बीमारी, इंफेक्शन की संभावना व कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची को 17 मई को केंद्रीय कारागार वाराणसी में समर्पण करना होगा। उसे 50 हजार रुपये की दो प्रतिभूति व बंध पत्र पर रिहा किया जाय।

बंधपत्र में लिखकर देगा 17 मई को करेगा समर्पण

कोर्ट ने कहा कि बंधपत्र में वह 17 मई को केंद्रीय कारागार में समर्पण करने का वायदा करेगा। 17 मई को सुबह हाजिर न होने पर उसके द्वारा दी गई जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी। गंभीर बीमारी से पीडि़त कैदी की तरफ से चीफ जस्टिस को मेल द्वारा आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की मांग की गई थी। उसे मिर्जापुर सत्र न्यायालय द्वारा हत्या के आरोप में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वह केंद्रीय कारागार वाराणसी में सजा भुगत रहा है। इससे पहले 31 जनवरी 2020 को बीमारी के कारण से कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी। लेकिन, इस समय वह जेल में है। वह संक्रामक बीमारी तथा डायबिटीज से पीडि़त है।