-प्रशासन के दबाव में स्वास्थ्य विभाग ने जारी की गाइड लाइन

-सेंटर्स संचालकों की ओर से दिए जा रहे एक्सक्यूज

PRAYAGRAJ: अल्ट्रासाउंड सेंटर्स पर ट्रैकर लगाने का दबाव बढ़ता जा रहा है। अब स्वास्थ्य विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि बिना ट्रैकर लगाए सेंटर का लाइसेंस रिन्यू नहीं किया जाएगा। यही कारण है कि सेंटर संचालकों को बैरंग वापस कर दिया जा रहा है। बता दें कि प्रशसान की ओर से सभी सेंटर्स को पीसी पीएनडीटी एक्ट के तहत ट्रैकर लगाए जाने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।

महज 43 ने लगाया है ट्रैकर

कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठा रहा है। इसके लिए भू्रण लिंग की पहचान को रोकने में ट्रैकर उचित कदम साबित हो सकता है। इसके लिए हाल ही में प्रशासन की ओर से सेंटर्स को यह डिवाइस लगाने को एक सप्ताह का समय दिया गया था। बताया गया कि पूर्व में 43 सेंटर्स ने यह डिवाइस लगाई थी और इसके बाद बाकी बचे 180 सेंटर्स को लगाने की हिदायत दी गई है।

हाइटेक मशीनों में आसान नहीं

उधर अल्ट्रासाउंड सेंटर्स की ओर से तर्क दिया गया है। कुछ सेंटर संचालकों का कहना है कि शहर के कई सेंटर्स पर काफी हाईटेक मशीनें लगाई गई हैं। इनमें कोई भी बाहर से डिवाइस नहीं लगाई जा सकती है। जबकि ट्रैकर एक आउटसाइड डिवाइस है। इसलिए हमें इसके लिए कंपनी से टेक्निकल सुझाव चाहिए होगा। जबकि प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना ट्रैकर सेंटर्स का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। इसके अलावा बिना ट्रैकर पकड़े जाने पर लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा। शहर के तमाम सेंटर संचालक इस संबंध में प्रशसान के सामने अपना पक्ष रखने की योजना बना रहे हैं।

यह तो स्पष्ट है कि बिना ट्रैकर लगवाए किसी भी सेंटर का लाइसेंस नवीनीकरण नही किया जाएगा। इसलिए जो भी आवेदन आ रहा है उनसे पहले ट्रैकर संबंधी पूछताछ की जा रही है।

-डॉ। एके तिवारी, एसीएमओ, पीसीपीएनडीटी एक्ट स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज