नई दिल्ली (एएनआई) । अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित करने के लिए सुरक्षाकर्मी द्वारा हाई-टेक गैजेट्स का इस्तेमाल किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा स्टिकी बॉम्ब ( एक प्रकार का बॉम्ब) के इस्‍तेमाल के कारण इस बार सुरक्षाकर्मी के द्वारा उच्च तकनीक वाले गैजेट्स का प्रयोग किया जाएगा। इन विशेष गैजेट्स का नाम सुरक्षा कारणों से बताने के लिए रोक दिया गया है। साथ ही इन गैजेट्स में कुछ इज़राइल द्वारा मैन्‍यूफैक्चर्ड हैं। इसके अलावा सूत्र ने कहा कि तीर्थयात्रा के दौरान निगरानी के लिए ड्रोन की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। जिनमें से 50 से अधिक का उपयोग केवल पहलगाम और बालटाल के मार्गों पर किया जाना है।

30 जून को शुरू होने वाली है यात्रा

सीआरपीएफ के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सेना, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के सदस्यों सहित सभी बल मिलकर इस यात्रा को सुरक्षा बनाने के लिए एकजुट होकर प्रयास कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को स्टिकी बॉम्ब ( एक प्रकार का बॉम्ब) रखने वाले आतंकवादीयों से चिंता हैं। उन्‍होंने बताया कि विस्फोट को वाहनों से जोड़कर भी कर सकते है, या फिर दूर से भी विस्फोट किया जा सकता है। बता दें कि अमरनाथ यात्रा दो साल के बाद 30 जून को शुरू होने वाली है। उन्‍होंने आगे बताया कि गिरफ्तार आतंकवादियों से पूछताछ और अन्य सबूतों के दौरान यह इनपुट मिले है। साथ ही सुरक्षा बलों द्वारा कुछ "स्टिकी बॉम्ब" भी बरामद किए गए हैं।

फरवरी 2012 में हुआ था बॉम्‍ब का इस्‍तेमाल

दक्षिण कश्मीर के ऊपरी इलाकों में स्थित अमरनाथ यात्रा में लगभग तीन लाख तीर्थ यात्रियों के भाग लेने की संभावना है। सुरक्षा बलों के साथ-साथ तीर्थयात्रा का प्रबंधन करने वालों को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि वे वाहनों को ऐसे ही न छोड़ें। साथ ही सभी की निगरानी करें। बता दें पिछले साल फरवरी में स्टिकी बॉम्ब बरामद किए गए थे। यह बॉम्‍ब की पहली ऐसी बरामदगी थी, जिसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर अफगानिस्तान और इराक में किया गया था। भारत में इसका इस्तेमाल संदिग्ध ईरानी आतंकवादियों द्वारा किया गया था जिन्होंने फरवरी 2012 में एक इजरायली वाहन को निशाना बनाया था।

3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर में है भगवान शिव

अमरनाथ यात्रा 2022 के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 11 अप्रैल से शुरू हो गया है। गृह मंत्रालय ने तीर्थयात्रा के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सीएपीएफ की 200 से अधिक कंपनियों को पहले ही मंजूरी दे दी है। तीर्थयात्रा 30 जून से 11 अगस्त के बीच 43 दिनों तक चलने वाली है। हिमालय के ऊपरी भाग में स्थित भगवान शिव के 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर के लिए अमरनाथ तीर्थ यात्रा पहलगाम और बालटाल के मार्गों से आयोजित की जाती है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के सदस्यों के साथ चर्चा के बाद 2020 और 2021 में कोविड -19 स्थिति के कारण अमरनाथ यात्रा रद्द कर दी थी।

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