नई दिल्ली (एएनआई)। दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को राजधानी में बिजली संकट के बीच केंद्र सरकार से कोयले को उपलब्‍ध कराने के लिए व ट्रेन रैक की मरम्मत के लिए कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली के पावर प्लांट आगे फंक्शन नही कर सकते क्यों की बैकअप के लिए बस एक दिन का कोल बचा है। जैन ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि कोयले की कमी के कारण देश गंभीर बिजली संकट का सामना कर रहा है, क्योंकि इसके लिए पावर प्लांट के पास कोई बैकअप उपलब्ध नहीं है।

दिल्ली में 6,000 मेगावाट बिजली की है मांग

उन्‍होनें आगे कहा कि सामान्य परिस्थितियों में कोयला 21 दिनों के बैकअप के रूप में पावर प्लांट के पास उपलब्ध होना चाहिए। हालाँकि, आज देश में कई पावर प्लांट ऐसे हैं जिनके पास एक दिन के लिए भी कोयले का बैकअप नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में बिजली की मांग 6,000 मेगावाट है। अस्पतालों में बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर, बिजली मंत्री ने कहा, हम देखेंगे कि इसे कैसे और कहाँ एडजेस्ट किया जाए। लेकिन मैं सरकार से पटरियों को ठीक करने का आग्रह करूंगा ताकि कोयले को आसानी से ले जाया जा सके, जो कि है एक बेहतर समाधान है।

दिल्ली सरकार की ओर से कोई पेमेंट नहीं है पेंडिंग

सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से कोई पेमेंट पेंडिंग नहीं है। यह संभव हो सकता है कि राज्यों- हरियाणा और उत्तर प्रदेश- ने अपना पेमेंट नहीं किया हो। उन्होंने यह भी बताया कि रेल पटरियों की संख्या में वृद्धि के बजाय, यह 10 प्रतिशत तक काफी कम हो गया है। उन्होंने कहा, "पहले 450 रेल रैक थे, लेकिन अब यह 405 हो गए हैं। जैन ने यह भी संकेत दिया कि कोयले की उपलब्धता में कमी के कारण पावर प्लांट बंद होने पर दिल्ली को किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

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