ढहा दिया गया था यह वैश्यालय : बांग्लादेश उन कुछ मुस्लिम देशों में शामिल है जहां प्रॉस्टीट्यूशन लीगल है।
तंगैंल जिले में स्थित कांडापारा वेश्यालय को एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से ढहा देने के बाद कुछ एनजीओ की मदद से दोबारा शुरू किया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां कई महिलाएं ऐसी हैं जिनका जन्म और पालन पोषण भी यहीं हुआ।
इसके बाद वे इसी पेशे में आ गईं। ऐसी महिलाओं को इस बात की भी अधिक जानकारी नहीं होती कि वे बाहर जाकर कहां-कहां करियर बना सकती हैं।
पांच साल तक शरीर बेच करनी होती है कमाई।
अमेरिकी वेबसाइट ने लिखा है कि वेश्यालय के अंदर एक अलग तरह का पावर स्ट्रक्चर चलता है।
यहां नई आने वाली महिलाओं को एक से पांच सालों तक अपनी कमाई जमा करनी होती है।
ज्यादातर लड़कियां ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार होती हैं।
उन्हें यहां बेच दिया गया होता है।
लड़कियों को एक वक्त तक कमाई जमा करने के बाद फ्रीडम हासिल होता है।
तब वे वेश्यालय के बाहर जा सकती हैं या किसी कस्टमर को मना कर सकती हैं।
लेकिन इसके बाद भी लड़कियां अक्सर बाहर जाने से बचती हैं।
ये वेश्यालय को ही अपनी जिंदगी बना लेती हैं।
Interesting News inextlive from Interesting News Desk