ऐसा है पूरा मामला
इस मामले पर अनुपम खेर ने सम्मान वापसी करने वालों को एक बार फिर से आड़े हाथों लिया है। इनमें सबसे ऊपर हैं अरुंधति राय। इनसे वह सबसे ज्यादा नाराज हैं। बताते चलें कि अरूंधति के सम्मान वापसी करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अरूंधति रॉय ने हमेशा हिन्दुस्तान के बाहर जाकर हिन्दुस्तान की बुराई की है। उनके भाषणों को सुनकर ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता कि वो हिन्दुस्तान की नागरिक हैं।

'ये देश का नागरिक बोल रहा है'
इस पूरे मामले को लेकर अनुपम खेर ने कहा कि देश को बाहर बदनाम करना कोई भी भारतीय बर्दाश्त नहीं कर सकता। जो ऐसा कर रहे हैं, उनका मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि उन लोगों को ऐसा लगता है कि अचानक पिछले 14 महीनों में देश असहिष्णुता बढ़ गई है, तो उन्हें बोलते रहने दीजिए। अनुपम ने कहा कि उन्होंने अब तक 491 फिल्में की हैं। ये एक एक्टर नहीं, एक देश का नागरिक बोल रहा है।

कुछ लोग ऐसा भी कहते हैं
मौके पर वह बोले कि कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि किरण खेर बीजेपी में हैं, तो उन्हें तो राज्यसभा की सदस्यता चाहिए। ऐसे में वह इस बात को साफ कर रहे हैं कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए। यहां खेर ने सवाल उठाया कि कई सारे किस्से हुए हैं। क्या पिछले 14 महीनों में ही असहिष्णुता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पीएम को लेटर लिखा है, ट्विट किया है, मिलने का समय मांगा है। पीएम थोड़े ही खुद जाएंगे इन लोगों से बात करने।

कांग्रेस के जुलूस पर बोले खेर
मार्च की बात पर खेर बोले कि ये कोई बॉक्स ऑफिस की फिल्म नहीं है, जिसके लिये बड़े-बड़े सुपरस्टार की जरूरत पड़े। ऐसे में अगर 5 लोग भी होंगे, तो वो देश के लिए जरूर आएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपना जुलूस राजनैतिक प्वाइंट ऑफ व्यू से निकाला होगा, लेकिन इसमें लेखक जुड़ रहे हैं।

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