आईफ़ोन 5एस के मुख्य बटन में फिंगरप्रिंट सेंसर लगे हैं जो कि इस्तेमाल करने वाले की पहचान कर सकेगा. जबकि आईफ़ोन 5सी का पृष्ठ भाग विभिन्न रंगों के प्लास्टिक कवर में मौजूद है. आईफ़ोन 5सी आईफ़ोन का सस्ता संस्करण है और यह भारतीय बाज़ारों में काफ़ी लोकप्रिय हो सकता है. भारत में भी आईफ़ोन के चाहने वालों की संख्या काफ़ी अधिक है, लेकिन अक्सर वो अधिक क़ीमत के कारण पीछे हट जाते हैं.
नया फिंगरप्रिंट सिस्टम फ़ोन को अनलॉक करने में इस्तेमाल हो सकता है. साथ ही ऑनलाइन ख़रीदारी में भी ये प्रामाणिकता साबित करने में महत्वपूर्ण होगा. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ऐपल के फ़ोन को सैमसंग से तगड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. ऐपल अभी तक आईफ़ोन के छह मॉडल लाँच कर चुकी है.
हालांकि फिंगरप्रिंट सिस्टम देने वाली ऐपल पहली कंपनी नहीं है. इससे पहले मोटोरोला कंपनी के हैंडसेटों में ये सिस्टम मौजूद था.
ऐपल जो भी कमाई करता है उसका बड़ा हिस्सा फ़ोन से आता है. ऐसे फ़ोन का अगर नया वर्जन लॉन्च हो तो वो उसके आर्थिक भविष्य के लिए ख़ासा अहम भी होगा.
आईफ़ोन 5एस के 16 जीबी मॉडल की क़ीमत 549 पौंड रखी गई है और 64 जीबी मॉडल की क़ीमत 709 पौंड रखी गई है. जबकि आईफ़ोन 5सी की क़ीमत 469 पौंड है.
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