1400 करोड़ रुपये का कर्ज
वर्तमान में तीनों नगर निगमों के महापौर को सामने बड़ी समस्या है. उन्हें विकास के लिये बजट की जरूरत है. ऐसे में दिल्ली में बीजेपी नीत नगर निगमों के तीन महापौर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने दिल्ली सचिवालय गये. वहां उन्होंने उनसे मुलाकात की और धन देने की मांग की, क्योंकि नगर निकायों को धन की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान उत्तर दिल्ली नगर निगम के महापौर योगेंद्र चंडोलिया ने कहा, 'उत्तर निगम पर 1400 करोड़ रुपये का कर्ज है, इसलिए हम दिल्ली सरकार से 2014-15 के लिए 302 करोड़ रुपये का अपना हिस्सा मांग रहे हैं. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने यह भी दावा किया कि तीनों निकाय एजेंसियों को तीन हिस्से में बांटने के बाद इनकी वित्तीय स्थिति खराब हुई है. जिससे आज इन हालातों का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान तीनों महापौरों ने सीएम से कहा कि कि पैसे जुटाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन नगर निकायों को चलाने के लिए उन्हें पैसों की सख्त जरूरती है.

पिछली सरकार खजाना खाली कर गई
इस पर केजरीवाल ने महापौरों से कहा कि वित्तीय संकट से निपटने और अधिक धन जुटाने के लिए निगम में सुधार करें. इसके बाद उन्होंने कहा कि सरकार भी वित्तीय संकट से गुजर रही है, इसलिए वह उनका सहयोग करने में सक्षम नहीं है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चलाने के लिए वर्तमान में उन्हें 5 हजार करोड़ रुपये की सख्त जरूरत है, क्योंकि पिछली सरकार खजाना खाली कर गई है. ऐसे में हमारी सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना है. सरकार को बड़े बजट की जरूरत है. इसके बाद केजरीवाल ने तीनों महापौर को सुझाव दिया कि वे केंद्र सरकार से पैसा लेकर आएं, उनके पास केंद्र की दी हुई राशि जैसे ही आएगी उसे वह तुरंत निगमों को उपलब्ध करा देंगे.

 

1400 करोड़ रुपये का कर्ज
वर्तमान में तीनों नगर निगमों के महापौर को सामने बड़ी समस्या है. उन्हें विकास के लिये बजट की जरूरत है. ऐसे में दिल्ली में बीजेपी नीत नगर निगमों के तीन महापौर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने दिल्ली सचिवालय गये. वहां उन्होंने उनसे मुलाकात की और धन देने की मांग की, क्योंकि नगर निकायों को धन की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान उत्तर दिल्ली नगर निगम के महापौर योगेंद्र चंडोलिया ने कहा, 'उत्तर निगम पर 1400 करोड़ रुपये का कर्ज है, इसलिए हम दिल्ली सरकार से 2014-15 के लिए 302 करोड़ रुपये का अपना हिस्सा मांग रहे हैं. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने यह भी दावा किया कि तीनों निकाय एजेंसियों को तीन हिस्से में बांटने के बाद इनकी वित्तीय स्थिति खराब हुई है. जिससे आज इन हालातों का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान तीनों महापौरों ने सीएम से कहा कि कि पैसे जुटाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन नगर निकायों को चलाने के लिए उन्हें पैसों की सख्त जरूरती है.

 

सरकार खजाना खाली कर गई
इस पर केजरीवाल ने महापौरों से कहा कि वित्तीय संकट से निपटने और अधिक धन जुटाने के लिए निगम में सुधार करें. इसके बाद उन्होंने कहा कि सरकार भी वित्तीय संकट से गुजर रही है, इसलिए वह उनका सहयोग करने में सक्षम नहीं है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चलाने के लिए वर्तमान में उन्हें 5 हजार करोड़ रुपये की सख्त जरूरत है, क्योंकि पिछली सरकार खजाना खाली कर गई है. ऐसे में हमारी सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना है. सरकार को बड़े बजट की जरूरत है. इसके बाद केजरीवाल ने तीनों महापौर को सुझाव दिया कि वे केंद्र सरकार से पैसा लेकर आएं, उनके पास केंद्र की दी हुई राशि जैसे ही आएगी उसे वह तुरंत निगमों को उपलब्ध करा देंगे.

Hindi News from India News Desk

National News inextlive from India News Desk